CJI ने जस्टिस नरीमन को विदाई देते हुए कहा, "न्यायिक संस्थान की रखवाली करने वाला एक शेर खो रहा हूं"
Zee News
सीजेआई ने यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन के बारे में कहा, ’’मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि श्रेया सिंघल जैसे फैसलों, पुट्टस्वामी और शायरा बानो में उनकी राय के साथ, उन्होंने मुल्क के न्यायशास्त्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है.’’?
नई दिल्लीः न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन के विदाई समारोह के दौरान जुमेरात को प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना जज्बाती हो गए. उन्होंने कहा कि उनके भाई नरीमन के तौर पर शीर्ष अदालत अपने एक शेर को खो देगी. उन्होंने नरीमन के फैसलों की सराहना की. न्यायमूर्ति रमन्ना ने कहा कि श्रेया सिंघल मामले में न्यायमूर्ति नरीमन के फैसले ने कानूनी न्यायशास्त्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है, जिसके तहत आईटी अधिनियम की धारा 66ए को रद्द कर दिया गया था.सीजेआई ने कहा, ’’मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि श्रेया सिंघल जैसे फैसलों, पुट्टस्वामी और शायरा बानो में उनकी राय के साथ, उन्होंने मुल्क के न्यायशास्त्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है.’’ न्यायमूर्ति नरीमन ने लगभग 13,565 मामलों का निपटारा किया न्यायमूर्ति रमन्ना ने कहा कि न्यायमूर्ति नरीमन समकालीन न्यायिक प्रणाली के मजबूत स्तंभों में से एक है. वह सिद्धांतों के शख्स हैं और जो सही है उसके लिए पाबंद अहद हैं. भाई नरीमन जैसे दिग्गज कानूनी कौशल के भंडार हैं. हैरत है कि क्या किसी शख्स की उम्र सेवानिवृत्ति के कार्यकाल और समय को तय करने के लिए उपयुक्त पैमाना है. मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति नरीमन की शैक्षणिक और कानूनी यात्रा का जिक्र किया, जिन्होंने 7 जुलाई 2014 को सीधे बार से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत होने से पहले लगभग 35 वर्षों तक कानून की प्रैक्टिस की और उन्होंने लगभग 13,565 मामलों का निपटारा किया.More Related News