CID के बाद टीवी पर लौटेगा 'तेनाली रामा', कृष्ण भारद्वाज को फिर से स्टार बनाएगा शो?
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टीवी एक्टर कृष्ण भारद्वाज शो तेनाली रामा के कमबैक को लेकर कृष्ण सुपर एक्साइटेड हैं. इस हिस्टोरिकल शो ने उनके करियर में चार चांद लगाए थे. उम्मीद है कमबैक कर फिर से वो टीवी की दुनिया में छा जाएंगे. दिसंबर में ये शो वापसी करेगा.
टीवी पर पुराने शोज के कमबैक करने का सिलसिला शुरू हुआ है. CID के बाद एक और शो ने लौटने की तैयारी की है. आइकॉनिक एंटरटेनर शो तेनाली रामा दिसंबर में वापसी करने जा रहा है. एक बार फिर तेनाली विजयनगर की प्रजा को बचाने आएगा. पहले की तरह कृष्ण भारद्वाज ही सीरियल में तेनाली का रोल प्ले करेंगे.
लौट रहा तेनाली रामा शो शो का प्रोमो सामने आ चुका है. इस बार चार गुना मजा देने का वादा मेकर्स ने किया है. प्रोमो के मुताबिक, ऐसा कुछ हुआ है जिससे राजा ने ऐलान किया है कि कोई भी तेनाली रामा नाम नहीं रखेगा. ऐसा करने पर उसे दंड दिया जाएगा. विजयनगर में अब तेनाली के लिए सब बदल गया है. तेनाली को बदनाम कर दुश्मनों ने विजय नगर पर अटैक का प्लान बनाया है.
दुश्मनों की साजिशों के आगे तेनाली बुद्धि का बल कैसे दिखाएगा, ये देखना मजेदार होगा. ये शो सबसे पहले 11 जुलाई 2017 को प्रीमियर हुआ था. 13 नवंबर 2020 को ऑफएयर किया गया. इसमें कृष्ण भारद्वाज के अलावा भास्कर शर्मा, पंकज बैरी, मानव गोहिल, तरुण खन्ना ने अहम रोल प्ले किया था.
कृष्ण भारद्वाज का फिर चमकेगा करियर? शो के कमबैक को लेकर कृष्ण सुपर एक्साइटेड हैं. इस हिस्टोरिकल शो ने उनके करियर में चार चांद लगाए थे. उम्मीद है कमबैक कर फिर से वो टीवी की दुनिया में छा जाएंगे. कृष्ण ने ध्रुव तारा, पिया बसंती रे, आरके लक्ष्मण की दुनिया, सुख बाय चांस, जसुबेन जयंतीलाल जोशी की ज्वॉइंट फैमिली जैसे कई शोज में काम किया. लेकिन फेम उन्हें तेनाली रामा शो से मिला. एक्टर इन दिनों सीरियल 'श्याम धुन लागी रे' नाम के गुजराती शो में दिख रहे हैं.
कौन थे तेनाली रामा? तेनाली रामकृष्ण, राज सलाहकार और तेलुगू कवि थे, उन्होंने अपनी लाइफ की बड़ी चुनौतियों का डटकर सामना किया था. वो अपने ह्यूमर, चालाकी और इंटेलीजेंस के लिए जाने गए. तेनाली विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेवराय के दरबार में हास्य कवि और मंत्री सहायक थे. वो अपनी समझ-बूझ और ह्यूमर को लेकर फेमस थे.
तेनाली रामा की गिनती राजा कृष्णदेव राय के 8 दिग्गजों में की जाती थी. वो तेलुगू साहित्य के महान ज्ञानी थे. विकट परिस्थितियों में तेनाली महाराज की मदद कर मुद्दे का हल निकालते थे. 1528 में सांप के काटने की वजह से उनकी मौत हो गई थी. ये घटना राजा कृष्णदेवराय की मौत से 1 साल पहले हुई थी.