
CBSE, IIT और अब IIM भी दुबई में... जानिए इस गल्फ कंट्री में ऐसा क्या खास है?
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दुबई में भारतीय शिक्षा संस्थानों जैसे CBSE स्कूलों, IIT, और IIM की मौजूदगी का बढ़ना एक रणनीतिक और सांस्कृतिक पहल है, जो दुबई की विशेषताओं और भारत के साथ इसके मजबूत संबंधों पर आधारित है. कहा जा सकता है कि CBSE स्कूलों की सफलता ने हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स जैसे IIT और IIM के लिए विश्वास की नींव रखी. उदाहरण के लिए, IIM अहमदाबाद का दुबई कैंपस, जो 2025 में शुरू होने वाला है.
CBSE स्कूलों, IIT दिल्ली, IIM इंदौर कैंपस के बाद अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद (IIMA) भी दुबई में अपना कैंपस खोलने जा रहा है. 8 अप्रैल को मुंबई में IIMA और संयुक्त अरब अमीरात सरकार (UAE) के साथ दुबई में कैंपस के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो गए हैं. इस समझौते को IIMA की इंटरनेशनल जर्नी में मील का पत्थर माना जा रहा है. दुबई में मैनेजमेंट की पढ़ाई का मन बना रहे प्रोफेशनल्स और एंटरप्रेन्योर्स के लिए यह सुनहरा मौका होगा. एडमिशन, ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (GMAT) या ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन (GRE) स्कोर के आधार पर होंगे. प्रोग्राम सितंबर 2025 से शुरू होगा और इसकी आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. लेकिन इस गल्फ कंट्री में ऐसा क्या खास है जो भारतीय संस्थानों के कैंपस दुबई में तेजी से स्थापित हो रहे हैं, आइए जानते हैं.
दुबई में भारतीय शिक्षा संस्थानों जैसे CBSE स्कूलों, IIT, और IIM की मौजूदगी का बढ़ना एक रणनीतिक और सांस्कृतिक पहल है, जो दुबई की विशेषताओं और भारत के साथ इसके मजबूत संबंधों पर आधारित है.
1. बड़ी भारतीय प्रवासी आबादी और सांस्कृतिक जुड़ाव 2023 तक, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में लगभग 3.5 मिलियन भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो UAE की कुल आबादी का लगभग 35% है. दुबई में यह संख्या विशेष रूप से अधिक है, क्योंकि यह भारतीयों का प्रमुख गंतव्य है. इस बड़ी भारतीय आबादी ने CBSE स्कूलों की मांग को बढ़ाया, जो भारतीय पाठ्यक्रम और प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे JEE, NEET) के लिए तैयारी प्रदान करते हैं. 2024 तक, दुबई में 80 से अधिक CBSE-मान्यता प्राप्त स्कूल हैं, जैसे दिल्ली प्राइवेट स्कूल (1966 में स्थापित) और GEMS मॉडर्न एकेडमी.
कहा जा सकता है कि CBSE स्कूलों की सफलता ने हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स जैसे IIT और IIM के लिए विश्वास की नींव रखी. उदाहरण के लिए, IIM अहमदाबाद का दुबई कैंपस, जो 2025 में शुरू होने वाला है, भारतीय प्रबंधन शिक्षा की वैश्विक मांग को पूरा करेगा.
2. दुबई का वैश्विक शिक्षा हब के रूप में उदय दुबई ने 2003 में दुबई इंटरनेशनल एकेडमिक सिटी (DIAC) और नॉलेज विलेज की स्थापना की, जो विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए समर्पित क्षेत्र हैं. 2023 तक, DIAC में 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय हैं, जिनमें यूके, ऑस्ट्रेलिया और अब भारत के संस्थान शामिल हैं. दुबई सरकार की टैक्स-मुक्त नीतियां, सरल नियामक ढांचा और शिक्षा में निवेश ने इसे ग्लोबल एजुकेशन सेंटर बन गया. 2023 में, UAE ने शिक्षा क्षेत्र में $2.7 बिलियन का निवेश किया, जिसमें विदेशी संस्थानों को प्रोत्साहन शामिल हैं.
3. मजबूत भारत-UAE द्विपक्षीय संबंध भारत और UAE ने 2022 में व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) पर हस्ताक्षर किए, जिसने शिक्षा सहित सहयोग को बढ़ावा दिया. जुलाई 2023 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की UAE यात्रा के दौरान IIT दिल्ली-अबू धाबी कैंपस की स्थापना का समझौता हुआ. इसके बाद, 2024 में IIM अहमदाबाद ने दुबई कैंपस की घोषणा की. इन समझौतों ने भारतीय शिक्षा संस्थानों के लिए रास्ता खोला. दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने 2023 में भारतीय शिक्षा मॉडल की सराहना की, विशेष रूप से IIT की तकनीकी उत्कृष्टता और IIM की प्रबंधन विशेषज्ञता की.

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