Breathe- Into the Shadows 2 Review: कहानी में दम नहीं, बस हो रहे मर्डर, Abhishek Bachchan पर भारी पड़ा नया एक्टर
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ब्रीद- इनटू द शैडोज स्ट्रीम हो गई है. ब्रीद 2 से नया कलाकार जुड़ा है जिसने अपनी परफॉर्मेंस से लोगों का दिल जीत लिया है. हम बात कर रहे हैं विक्टर यानी नवीन कस्तूरिया की. नवीन को देखना एंटरटेनिंग है. डायरेक्टर मयंक शर्मा की कहानी देखकर लगता है उन्होंने पिछले सीजन की कमियों से जैसे कोई सबक नहीं लिया.
2018 में आर माधवन की वेब सीरीज आई थी ब्रीद, जिसमें एक पिता की अपने बेटे के लिए तड़प दिखी. बीमार बेटे को बचाने की खातिर पिता कैसे जुर्म का रास्ता अपनाता है, ये कहानी देख लोग हक्के बक्के रह गए थे. माधवन की सीरीज ब्रीद की सफलता के बाद 2020 में स्ट्रीम हुई ब्रीद- इनटू द शैडोज. जहां लीड रोल में अभिषेक बच्चन नजर आए. ब्रीद- इनटू द शैडोज की कहानी और अभिषेक बच्चन की एक्टिंग को मिला जुला रिस्पॉन्स मिला था. अब ब्रीद 2 भी रिलीज हो गई है. जानते हैं इस बार अभिषेक बच्चन की क्राइम ड्रामा सीरीज कैसी बनी है.
क्या है कहानी? ब्रीद- इनटू द शैडोज 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां पर खत्म हुई थी. डॉक्टर अविनाश सबरवाल को 4 मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. क्योंकि अविनाश मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहा है और उसके अंदर के शैतान J ने सारे मर्डर कराए, इसलिए अविनाश पिछले 3 सालों से मेंटल असायलम में है. डॉक्टर्स को लगता है अविनाश अब ठीक हो रहा है. लेकिन तभी अचानक से J लौट आता है. रावण सीरियल किलर लौट चुका है. J ने अविनाश को पूरी तरह अपने वश में कर लिया है. J का मकसद है रावण के 10 सिरों का अंत. 4 मार दिए हैं. जब तक बचे 6 इंसानों का अंत नहीं होगा J अविनाश को नहीं छोड़ेगा.
अपने बदले को पूरा करने की खातिर J अविनाश को भी नुकसान पहुंचाने से नहीं चूकता. कहानी आगे बढ़ती है J चकमा देकर असायलम से भागने में कामयाब होता है. पत्नी और बच्ची को बचाने की खातिर अविनाश को J के हाथों मजबूर होकर खूनी खेल खेलना पड़ता है. मौत का तांडव शुरू हो चुका है और इस बार J को विक्टर (J के साथ असायलम में पेशेंट था) का साथ मिलता है. दोनों मिलकर बदला लेने निकल पड़ते हैं. इंस्पेक्टर कबीर सावंत और J के बीच लुका छिपी का खेल चालू है. अब क्या J अपना बदला पूरा कर पाएगा? बाकी बचे 6 मर्डर को कैसे अंजाम देगा? ये कौन 6 लोग हैं जिनकी वो जान लेना चाहता है? जानने के लिए आपको सीरीज देखनी पड़ेगी.
कैसी है सीरीज? अगर आपने ब्रीद- इनटू द शैडोज 1 देखी है तो समझ लीजिए कि इसके दूसरे सीजन में कोई अंतर नहीं है. कहानी की रफ्तार, स्टार्स की एक्टिंग, सस्पेंस, थ्रिल सब कुछ उसी लेवल का है, ना ज्यादा ना कम. ऐसा लगता है मानो सीजन तभी बन गई थी और 2 साल बाद इसे रिलीज किया गया है. अभिषेक बच्चन के अविनाश और J दोनों किरदारों में वही सेम एक्सप्रेशंस हैं. अमित साध पिछली बार की तरह थके हुए ही नजर आए हैं. ब्रीद 2 से नया कलाकार जुड़ा है जिसने अपनी परफॉर्मेंस से लोगों का दिल जीत लिया है. हम बात कर रहे हैं विक्टर यानी नवीन कस्तूरिया की. नवीन को देखना एंटरटेनिंग है. उनका काम कहानी में प्लस पॉइंट एड करता है. सीन में जब जब नवीन आते हैं मजा दोगुना हो जाता है. ये कहें कि अभिषेक बच्चन, अमित साध जैसे कलाकारों को छोड़कर नवीन कस्तूरिया ने शाइन किया है. सीरीज में नित्या मेनन, इवाना कौर का काम उनके रोल के हिसाब से एवरेज है.
कहां रह गई कमी? डायरेक्टर मयंक शर्मा की कहानी देखकर लगता है उन्होंने इसे बस बना दिया है. पिछले सीजन की कमियों से जैसे कोई सबक नहीं लिया. ब्रीद 2 और एंटरटेनिंग, सस्पेंस और थ्रिल से भरी हो सकती थी. मगर मेकर्स साहब ने ऐसी जहमत नहीं उठाई. कोई दमदार सस्पेंस, ट्विस्ट नहीं डाला गया. इसे देखते हुए आपको थ्रिल महसूस होगा ही नहीं. बस कहानी आगे बढ़ रही है और मर्डर हो रहे हैं. सीरीज इमोशनली भी कनेक्ट करने से चूकी है.
एक्टिंग फील्ड में अभिषेक-अमित साध ने निराश किया है. कुछ एपिसोड बोरिंग, खिंचे हुए लगते हैं, बीच में आप इसे देखते हुए सो भी सकते हैं. स्क्रीनप्ले और टाइट होता तो मजा आता. क्लाइमेक्स थोड़ा इंटरेस्टिंग है पर ज्यादा प्रॉमिसिंग नहीं माना जा सकता. अंत में तीसरे सीजन का हिंट दिया गया है. इसलिए कहानी अभी खत्म नहीं हुई है. पर डायरेक्टर से इतना अनुरोध है वो तीसरे सीजन के लिए थोड़ी नहीं बहुत मेहनत करें. क्योंकि इस सीरीज में कई लूपहोल्स हैं.
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