Brain Aging Signs: ये संकेत बताते हैं कि आपका दिमाग भी हो रहा है बूढ़ा, 30 की उम्र के बाद दें ध्यान
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उम्र बढ़ने के साथ साथ व्यक्ति के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, साथ ही इसका असर इंसान के दिमाग पर भी पड़ता है. आज हम आपको दिमाग बूढ़ा होने के कुछ संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं. जरूरी है कि इन संकेतों का पता लगने पर इन्हें इग्नोर ना करें . आइए जानते हैं क्या हैं ब्रेन एजिंग के संकेत.
जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमारे शरीर के सभी अंगों की तरह हमारे दिमाग की उम्र भी बढ़ती जाती है. जब हम 30 वर्ष के होते हैं, तब तक हमारा मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है और यह प्रक्रिया 60 तक आते-आते और भी तेज हो जाती है. जैसे-जैसे हमारे ब्रेन का वॉल्युम कम होता जाता है, हमारी संज्ञानात्मक क्षमता प्रभावित होती है और व्यक्ति को चीजों को याद रखने, फोकस करने और मल्टी टास्किंग काम करने में दिक्कतों में सामना करना पड़ता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर के बाकी अंगों के मुकाबले दिमाग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. दिमाग एक ऐसा अंग है जो किसी व्यक्ति के जीवित रहने तक काम करता रहता है. लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती हैं, दिमाग में भी कई तरह के बदलाव होने लगते हैं, जैसे चीजें याद ना रहना, किसी की मदद के बिना काम पूरा ना कर पाना और फोकस में कमी. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको बताते हैं कि आपका दिमाग बूढ़ा होने लग गया है. आइए जानते हैं इन संकेतों के बारे में -
मेमोरी लॉस- जैसे-जैसे आप 60 साल की उम्र की तरफ बढ़ते जाते हैं, आपकी मेमोरी में बदलाव आने लगते हैं,जो काफी नॉर्मल होते हैं जैसे, आपने चाबियां कहां छोड़ी हैं भूल जाना, पार्सवर्ड भूलना या किसी दोस्त का नाम याद रखने में दिक्कत आना. ये उम्र से संबंधित मेमोरी लॉस के सामान्य लक्षण हैं.
समझने में दिक्कत- ब्रेन वॉल्युम में कमी के साथ, फ्रंटल लोब और हिप्पोकैम्पस शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में ज्यादा सिकुड़ते हैं. संज्ञानात्मक फंक्शन (cognitive functions) सही से काम ना कर पाने के कारण आपको चीजों को समझने में काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
खराब निर्णय लेना- कुछ तय ना कर पाना या गलत निर्णय लेना ऐसे संकेत हैं जो लोगों में याददाश्त के कमजोर पड़ने से पहले नजर आने लगते हैं.
मूड का अचानक बदलना- जैसे-जैसे आपका दिमाग बूढ़ा होता जाता है, दिमाग के काम करने के तरीके में भी बदलाव आता है जो आपके इमोशनल फंक्शन को भी प्रभावित करता है. जैसे-जैसे आप बूढ़े होते जाते हैं, आपको लगातार मूड बदलने की समस्या का सामना करना पड़ता है.
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