BJP में शामिल होकर हार्दिक पटेल बनेंगे हीरो या मिलेगा 'जीरो', शुरू होगा नया संघर्ष
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हार्दिक पटेल कांग्रेस पार्टी से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. अब गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 से पहले वह बीजेपी का दामन थामने जा रहे हैं. कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके आम आदमी पार्टी में जाने के कयास भी लगाए जा रहे थे.
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अब हार्दिक पटेल (Hardik Patel) बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. कल यानी कि गुरुवार को हार्दिक बीजेपी (BJP) का दामन थामेंगे, लेकिन हर किसी के जहन में एक बात उभर रही है कि हार्दिक पटेल के लिए आखिर बीजेपी ने क्या भूमिका तय की है. दरअसल, माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी ने एक तीर से दो शिकार किए हैं. पहला कि बीजेपी पाटीदार के उन नेताओं को संदेश देना चाहती है जो सालों से अपनी सीट पर जमकर बैठे हैं. और दूसरा हार्दिक पटेल को इतना बड़ा भी नहीं होने देंगे कि वो बीजेपी के लिए पाटीदार वोट बैंक में मजबूरी बन जाएं.
हार्दिक के नज़दीकी लोगों का कहना है कि हार्दिक पटेल के बीजेपी में जाने की वजह उस पर दर्ज केस को वापस लेना है, लेकिन जानकार मानते हैं कि बीजेपी इतनी जल्दी हार्दिक पर दर्ज केस वापस नहीं लेगी. हां ऐसा जरुर हो सकता है कि कुछ समय पर हार्दिक पर लगे छोटे केस वापस लिए जाएं. हालांकि इसके लिए हार्दिक को बीजेपी में अपनी वफादारी साबित करनी होगी.
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के मुताबिक हार्दिक पटेल को रातों रात बीजेपी में जगह नहीं मिल पाएगी. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को 15 महीनों का इंतज़ार करना पड़ा तो हार्दिक को भी इन्तज़ार करना ही पड़ेगा. हार्दिक को अपनी वफादारी यहां पर साबित करनी पड़ेगी.
वहीं माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल का हाल फ़िलहाल अल्पेश ठाकोर जैसा भी नहीं होगा. क्योंकि चुनाव में अभी 6 महीने हैं, पाटीदार समुदाय बड़ा है और अगर नरेश पटेल कांग्रेस की तरफ झुकते हैं तो उसी कांग्रेस को जवाब देने के लिए हार्दिक का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा. बीजेपी हार्दिक से प्रचार भी करवाएगी और उन्हें वो रुतबा भी देगी. ताकि लोगों को लगे कि बीजेपी पार्टी पाटीदारों के साथ है.
यह भी हो सकता है कि हार्दिक को इतनी भी महत्व नहीं दिया जाएगा कि पाटीदार फैक्टर को लेकर वो बीजेपी की मजबूरी बन जाएं. बीजेपी में एक तबका ये भी मानता है कि, हार्दिक का हाल अल्पेश जैसा हो भी सकता है. एक और हार्दिक को बीजेपी चुनाव भी लड़ाएगी और दूसरी और बीजेपी के नेता ही उनको हराने के लिए काम कर सकते हैं. चुनाव के बाद हार्दिक पटेल को पूरी तरह साइड लाइन भी किया जा सकता है.
गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत दयाल मानते हैं कि हार्दिक सालों से राजनीति में बीजेपी के सामने हैं. उन्हें कुछ भी कर अपने साथ लो और फिर उन्हें साइड लाइन कर दो ताकि वो बीच में ना आएं. ऐसे कई नेता हैं जो पिछले दिनों कांग्रेस में कई ऐसे नेता थे जो बीजेपी में जुड़े और आज बीजेपी में उन्हें कोई पूछता ही नहीं और हार्दिक का हाल भी ऐसा ही होगा.
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