America ने कैसे बालकनी में खड़े जवाहिरी को किया टारगेट? देखें एक और एक ग्यारह
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काबुल के शिपुर इलाके में ये वही मकान है जहां लादेन का नंबर 2 और उसके खात्मे के बाद अलकायता का नंबर 1 अल-जवाहिरी रह रहा था. ये मकान तालिबान सरकार के गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का बताया जा रहा है. यानी तालिबान ने जवाहिरी को यहां सुरक्षित ठिकाना दे रखा था. मगर काबुल में मौजूद अमेरिकी खुफिया सूत्रों ने CIA तक इस घर में जवाहिरी के मौजूद होने की खबर पहुंचा दी थी. उसके बाद से ही अमेरिका काबुल में मौजूद अपने खुफिया सूत्रों के जरिए इस घर पर पल-पल नजर रख रहा था और CIA की आंखें उस वक्त भी गड़ी थीं जब जवाहिरी इस मकान की बाल्कनी में आखिरी बार आया. देखें एक और एक ग्यारह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.