Al के आ जाने पर बॉलीवुड की VFX इंडस्ट्री पर पड़ेगा फर्क? खुद बता रहे हैं एक्सपर्ट
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बॉलीवुड में इन दिनों वीएफएक्स का बिजनेस काफी तेजी से बढ़ा है. 2019 में जहां बिजनेस 56 बिलियन का था, वहीं आसार है कि 2025 तक 115 बिलियन तक इसका बिजनेस बढ़ेगा. ऐसे में AI के आ जाने पर इसके बिजनेस पर क्या फर्क पड़ेगा. आईए जानते हैं.
इन दिनों आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (AI) सारे व्यवसायिक फील्ड पर तेजी से अपना पैर पसार रहा है. ऐसे में बॉलीवुड इंडस्ट्री भला कैसे इसके प्रभाव से बच सकती है. AI के आ जाने के बाद से किस तरह बॉलीवुड अपनी टेक्निकल कमियों पर विजयी हो पाएगा. आईए समझते हैं.
VFX क्या है ? और कैसे होता है काम? AI को समझने के लिए सबसे पहले VFX को समझना जरूरी है. फिल्म्स व टीवी में दिखाए जाने वाले कई ऐसे सीन्स जिन्हें असल जिंदगी में शूट करना असंभव हो, ऐसे में विजुअल इफेक्ट्स का सहारा लेकर उसे पूरा किया जाता. फिल्मों में दिखाए जाने वाले अविश्वसनीय, खतरनाक सीन्स की सारी विजुअल का क्रेडिट वीएफएकस को ही जाता है. VFX (विजुअल इफेक्ट्स) दो तरह का होता है. एक थ्रीडी में आता है, जो सीजीआई(कंप्यूटर जनरेटेड इमेज) के तहत क्रिएट किया जाता है. दूसरा हिस्सा बैकग्राउंड के बदलाव का होता है, उसका इस्तेमाल होता है. मसलन ग्रीन-ब्लू क्रोमा, क्राउड की पोजिशन, पीछे का सीन बदलना हो, जिसे एडिटिंग के जरिए किया जाता है. थ्रीडी में मॉडल्स भी इसी सीजी के जरिए ही बनाए जाते हैं. थ्रीडी के लिए मैक और माया जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. वीएफएक्स के लिए म्यूक, सीलआउट, मोका जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है.
वीएफक्स में होते हैं तीन डिपार्टमेंट 1. पेंट डिपार्टमेंट -पेंट डिपार्टमेंट के तहत, शूटिंग के दौरान जो कुछ अनवांटेड चीजें फ्रेम में शूट हो गई हों, तो उसे पेंट डिपार्टमेंट के तहत रिमूव किया जाता है.) 2. रोटो डिपार्टमेंट - (किरदारों के छोटे पार्ट्स को उसके असल लोकेशन से अलग करने का काम करते हैं). जो किरदार कट हुआ है, वो अल्फा में कंपोजिशन में जाता है. 3. कंपोजेटिर -इसके तहत बैकग्राउंड चेंज कर दिया जाता है.
भारत की पहली वीएफक्स फिल्म ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर वीएफएक्स के इतिहास पर बताते हैं, इंडिया में VFX का इतिहास तो वैसे बहुत पुराना है, हालांकि पॉप्युलैरिटी इसे 1998 से 2000 के बाद से मिलनी शुरू हुई है. पिछले दस सालों में इसको लेकर क्रेज बढ़ा है. पहले तो फिल्म देखते वक्त उन्हें 2डी एनिमेशन तक ही पता रहता था, अब जाकर लोग VFX को समझने लगे हैं. पहले वीएफएक्स के बजाए स्पेशल इफेक्ट शब्द का इस्तेमाल किया जाता था. जो भी बदलाव आया है, वो 90 के बाद आया है. इंडिया में जो पहली वीएफएक्स फिल्म थी, वो तेलुगू 'Ammoru (अमोरू)', उसके बाद अगर देखा जाए, तो बॉलीवुड में वीएफएक्स का इस्तेमाल अजय देवगन और काजोल स्टारर फिल्म 'प्यार तो होना ही था' में हुई थी. इसके बाद 'कृष', 'रा वन' जैसी फिल्में आईं, जिसमें वीएफएक्स का भरपूर इस्तेमाल किया गया.
ऐसे हुआ था अजय देवगन की पहली फिल्म का वीएफएक्स शूट