45 साल पहले बिजनेस में जापानियों से मिली एक हार से जगा था ट्रंप का टैरिफ प्रेम, अब उसी को बनाया हथियार
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ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी पर एक्सपर्ट चिंता जता रहे हैं कि इससे दुनिया में ट्रेड वॉर शुरू हो सकती है. ऐसे में इस रस्साकसी के बीच ये जानना जरूरी है कि आखिर टैरिफ को लेकर ट्रंप इतने अडिग क्यों हैं. क्या वाकई ये कदम अमेरिका के भविष्य के लिए है या फिर इसकी कोई कड़ी अतीत के पन्नों से भी टकराती है.
अमेरिका की सत्ता संभालते ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी ने हलचल बढ़ा दी है. इसे लेकर चीन, मेक्सिको और कनाडा समेत कई देशों में तनाव है. ट्रंप के इस कदम पर एक्सपर्ट चिंता जता रहे हैं कि इससे दुनिया में ट्रेड वॉर शुरू हो सकती है. ऐसे में इस रस्साकसी के बीच ये जानना जरूरी है कि आखिर टैरिफ को लेकर ट्रंप इतने अडिग क्यों हैं. क्या वाकई ये कदम अमेरिका के भविष्य के लिए है या फिर इसकी कोई कड़ी अतीत के पन्नों से भी टकराती है. इसे समझने के लिए हमें करीब 45 साल पीछे चलना होगा.
45 साल पहले क्या हुआ था...
कहानी साल 1988 की है जब 'कैसाब्लांका' फिल्म में इस्तेमाल हुए एक पियानो की नीलामी हुई थी. इस नीलामी में ट्रंप ने भी हिस्सा लिया था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. नीलामी जीती थी एक जापानी ट्रेडिंग कंपनी ने. ऑक्शन में मिली इस हार के बाद ट्रंप ने पहली बार टैरिफ शब्द का इस्तेमाल किया था. तब उन्होंने कहा था कि वह नीलामी में हार को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन यह जापान की बढ़ती संपत्ति का एक ताजा उदाहरण है. इस घटना के अगले साल ट्रंप ने एक इंटरव्यू में जापान से आयात पर 15 से 20 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात की थी.
उस वक्त ट्रंप की पहचान एक बिजनेसमैन के रूप में हुआ करती थी. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तब ट्रंप ने कहा था, 'मैं टैरिफ में बहुत विश्वास करता हूं.' उन्होंने जापान, जर्मनी, सऊदी अरब और दक्षिण कोरिया के व्यापार तरीकों की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था, 'अमेरिका को लूट लिया गया है. हमें टैरिफ लगाना चाहिए और इस देश की रक्षा करनी चाहिए.'
ट्रंप के करीबी और इतिहासकार मानते हैं कि टैरिफ के प्रति उनका ये प्रेम 1980 के दशक में जापान से मिली इस हार के बाद ही जगा था. वो ऐसा दौर था जब जापान को अमेरिका की आर्थिक सुपरमेसी के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में देखा गया था.
दरअसल, 1980 के दशक में जब जापान की अर्थव्यवस्था और उसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव तेजी से बढ़ रहा था, तब ट्रंप ने जापान की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि जापान में व्यापार करना कठिन है और यह शिकायत की थी कि जापानी अपने उत्पादों को अमेरिका में बेचते हैं और अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचाते हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में टैरिफ नीति को लेकर बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं. मेक्सिको और कनाडा के खिलाफ उनका सख्त रुख अब बदल चुका है, और उन्होंने इन देशों के नेताओं से बातचीत के बाद टैरिफ योजना को एक महीने के लिए टाल दिया है. इसी बीच, वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की तैयारी में हैं. यह बातचीत मंगलवार को फोन पर होनी है, लेकिन इसका एजेंडा अब तक साफ नहीं हुआ है.
अमेरिका ने 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने 15 लाख अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने का ऐलान किया है, जिसमें 18,000 भारतीय भी शामिल हैं. अमेरिका में कुल 7,25,000 भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं. भारत में भी रोहिंग्या मुसलमानों जैसे अवैध प्रवासियों की समस्या है, लेकिन उन्हें वापस भेजने में कई बाधाएं आती हैं. अमेरिका और भारत के बीच अवैध प्रवासियों से निपटने के तरीके में अंतर है.
अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप की सख्ती के बाद अमेरिका से 205 अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी हो रही है. अमेरिकी सेना का विमान आज भारत के लिए रवाना हुआ है. इसके भारत के अमृतसर में उतरने की संभावना है. ट्रंप प्रशासन के आने के बाद ये पहला विमान है जिसमें ऐसे भारतीय स्वदेश वापसी कर रहे हैं जो जिन्होंने अमेरिका में वैध तरीके से एंट्री नहीं ली थी.
डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर वापसी से वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल की संभावना. चीन, कनाडा और मेक्सिको पर बढ़े टैरिफ से टैरिफ वॉर का खतरा. भारत को भी 'टैरिफ किंग' कहने वाले ट्रंप की नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. भारत ने पहले ही विदेशी मोटरसाइकिल, कार और स्मार्टफोन पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई. अमेरिका-भारत व्यापार में वृद्धि, लेकिन टैरिफ असंतुलन पर ट्रंप की नाराजगी जारी. व्यापार युद्ध से दोनों देशों की कंपनियों और उपभोक्ताओं को नुकसान की आशंका.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर यूक्रेन रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिकी पैसा चाहता है तो उसे अमेरिका को दुर्लभ मृदा खनिज देने होंगे. ट्रंप इन्हीं खनिजों की वजह से ग्रीनलैंड को भी खरीदना चाहते हैं. अमेरिका इन खनिजों को चीन से आयात करता है लेकिन चीन ने अमेरिका को इनके आयात पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं.
अवैध प्रवासियों पर ट्रंप के एक्शन की रडार अब इंडियन पर आ पहुंची हैं. ये वैसे इंडियन हैं जो अमेरिकी नियमों के अनुसार बिना कागज के, या आधे-अधूरे कागज के अमेरिका में रह रहे हैं. ऐसे 205 भारतीयों को लेकर अमेरिकी वायुसेना का विमान निकल चुका है. ट्रंप का ये कदम उनके सख्त चुनावी वायदों की दिशा में उठाया गया अहम कदम है.