कनाडा से सस्ता सोना और तेल, मेक्सिको से फल-सब्जी, अरबों का है खेल! ऐसे ही नहीं पलटी मार गए ट्रंप
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तेजी दिखाते हुए अपने सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर मेक्सिको और कनाडा पर प्रतिबंध तो लगा दिया लेकिन वे 24 घंटे में ही पीछे हट गए. यहां सवाल अरबों डॉलर अमेरिकी बिजनेस का था. अगर अमेरिका इस टैरिफ पर कायम रहता तो उसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को अरबों डॉलर की चोट लग सकती थी साथ ही अमेरिका में महंगाई भी बढ़ सकती थी. फिलहाल अमेरिका इस टैरिफ युद्ध से पीछे हट गया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बड़े जोर-शोर से अपने दो बड़े पड़ोसियों कनाडा और मेक्सिको को दंडित करने के ख्याल से 25 फीसदी का भारी भरकम टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. ये प्रतिबंध 1 फरवरी से लागू भी हो गया था. लेकिन इस प्रतिबंध के बमुश्किल 24 घंटे ही गुजरे थे कि बड़ी-बड़ी डींग हांकने वाले ट्रंप को पीछे हटना पड़ा.
ट्रंप ने अपने चुनावी वादों के अनुरुप कनाडा, मेक्सिको और यहां तक की चीन पर भी टैरिफ लगा दिया. व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में कहा गया, "राष्ट्रपति ट्रम्प मैक्सिको, कनाडा और चीन को अवैध प्रवास रोकने तथा जहरीली फेंटेनाइल और अन्य दवाओं के हमारे देश में आने पर रोक लगाने के उनके वादों के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए साहसिक कदम उठा रहे हैं."
चीन पर तो अमेरिका का 10 परसेंट टैरिफ कायम है लेकिन कनाडा और मेक्सिको से कुछ सामान्य सी कूटनीतिक बातचीत के बाद ट्रंप ने इस फैसले पर रोक लगा दी.
मंगलवार को अमेरिकी सरकार ने घोषणा की कि कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की योजना पर रोक लगा दी गई है और ये रोक 30 दिनों तक लागू होगी. इसके साथ ही टैरिफ वॉर की आशंका से सहमी दुनिया ने राहत की सांस ली. ट्रंप को भी अंदाजा हो गया कि सत्ता से बाहर रहकर चुनावी वादे करना अलग बात है और इस पर अमल करना एक अलग बात.
तो सवाल उठता है कि ट्रंप आखिर नरम क्यों हो गए?
दरअसल मेक्सिको और कनाडा दोनों ही अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं. इन तीनों अर्थव्यवस्थाओं की परस्पर जुड़ी प्रकृति का मतलब यह है कि ट्रंप की ओर से कोई कार्रवाई अमेरिका के लिए भी नुकसानदेह हो सकती थी.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में टैरिफ नीति को लेकर बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं. मेक्सिको और कनाडा के खिलाफ उनका सख्त रुख अब बदल चुका है, और उन्होंने इन देशों के नेताओं से बातचीत के बाद टैरिफ योजना को एक महीने के लिए टाल दिया है. इसी बीच, वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की तैयारी में हैं. यह बातचीत मंगलवार को फोन पर होनी है, लेकिन इसका एजेंडा अब तक साफ नहीं हुआ है.
अमेरिका ने 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने 15 लाख अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने का ऐलान किया है, जिसमें 18,000 भारतीय भी शामिल हैं. अमेरिका में कुल 7,25,000 भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं. भारत में भी रोहिंग्या मुसलमानों जैसे अवैध प्रवासियों की समस्या है, लेकिन उन्हें वापस भेजने में कई बाधाएं आती हैं. अमेरिका और भारत के बीच अवैध प्रवासियों से निपटने के तरीके में अंतर है.
अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप की सख्ती के बाद अमेरिका से 205 अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी हो रही है. अमेरिकी सेना का विमान आज भारत के लिए रवाना हुआ है. इसके भारत के अमृतसर में उतरने की संभावना है. ट्रंप प्रशासन के आने के बाद ये पहला विमान है जिसमें ऐसे भारतीय स्वदेश वापसी कर रहे हैं जो जिन्होंने अमेरिका में वैध तरीके से एंट्री नहीं ली थी.
डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर वापसी से वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल की संभावना. चीन, कनाडा और मेक्सिको पर बढ़े टैरिफ से टैरिफ वॉर का खतरा. भारत को भी 'टैरिफ किंग' कहने वाले ट्रंप की नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. भारत ने पहले ही विदेशी मोटरसाइकिल, कार और स्मार्टफोन पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई. अमेरिका-भारत व्यापार में वृद्धि, लेकिन टैरिफ असंतुलन पर ट्रंप की नाराजगी जारी. व्यापार युद्ध से दोनों देशों की कंपनियों और उपभोक्ताओं को नुकसान की आशंका.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर यूक्रेन रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिकी पैसा चाहता है तो उसे अमेरिका को दुर्लभ मृदा खनिज देने होंगे. ट्रंप इन्हीं खनिजों की वजह से ग्रीनलैंड को भी खरीदना चाहते हैं. अमेरिका इन खनिजों को चीन से आयात करता है लेकिन चीन ने अमेरिका को इनके आयात पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं.
अवैध प्रवासियों पर ट्रंप के एक्शन की रडार अब इंडियन पर आ पहुंची हैं. ये वैसे इंडियन हैं जो अमेरिकी नियमों के अनुसार बिना कागज के, या आधे-अधूरे कागज के अमेरिका में रह रहे हैं. ऐसे 205 भारतीयों को लेकर अमेरिकी वायुसेना का विमान निकल चुका है. ट्रंप का ये कदम उनके सख्त चुनावी वायदों की दिशा में उठाया गया अहम कदम है.