300 दिन, 160 कॉल्स और फायरिंग... दिल्ली के व्यापारियों को रंगदारी के लिए हर दूसरे दिन मिली धमकी
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इस साल अक्टूबर तक दिल्ली के कारोबारियों को जबरन वसूली के लिए कॉल मिलने की करीब 160 सूचनाएं मिली हैं. एक सूत्र ने बताया कि कुछ मामलों में, कॉल के बाद टारगेट पर लिए गए शख्स के घर या दफ्तर के बाहर गोलीबारी की गई.
देश की राजधानी दिल्ली में कारोबार करने वाले व्यापारियों को इस साल अक्टूबर तक रंगदारी वसूलने के लिए करीब 160 कॉल आए हैं, जो औसतन हर दूसरे दिन एक कॉल है. अधिकांश कॉल विदेशी गैंगस्टर या उनके गुर्गों ने वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल या अंतर्राष्ट्रीय फोन नंबरों का इस्तेमाल करके किए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर कॉल बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों, ज्वैलर्स और मिठाई की दुकानों और कार शोरूम के मालिकों को आए हैं.
इस साल अक्टूबर तक दिल्ली के कारोबारियों को जबरन वसूली के लिए कॉल मिलने की करीब 160 सूचनाएं मिली हैं. एक सूत्र ने बताया कि कुछ मामलों में, कॉल के बाद टारगेट पर लिए गए शख्स के घर या दफ्तर के बाहर गोलीबारी की गई. पिछले सप्ताह, केवल चार दिनों में सात ऐसे मामले सामने आए, जहां गैंगस्टर्स ने एक ज्वैलर, जिम मालिक, प्रॉपर्टी डीलर, मिठाई की दुकान के मालिक और एक मोटर वर्कशॉप के मालिक को अपना शिकार बनाया.
इसी तरह 5 नवंबर को रोहिणी में एक ऐसी ही एक घटना के चलते तीन लोग एक शोरूम के बाहर पहुंचे और फिर अंदर घुसकर हवा में फायरिंग की. वे बदमाशों के नाम और रकम लिखी हुई जबरन वसूली की एक चिट्ठी भी मौके पर छोड़ गए. उस चिट्ठी में लिखा था- योगेश दहिया, फज्जे भाई, मोंटी मान और 10 करोड़ रुपये.
7 नवंबर को एक ऐसे ही मामले में एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल करके नांगलोई के एक जिम मालिक से 7 करोड़ रुपए की मांग की गई. कॉल करने वाले ने जेल में बंद गैंगस्टर दीपक बॉक्सर से जुड़े होने का दावा किया, जो लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है. एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि सभी सात मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीम अपराधियों को पकड़ने के लिए काम कर रही हैं.
पीटीआई के हाथ लगे दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 15 अगस्त तक राष्ट्रीय राजधानी में कुल 133 जबरन वसूली के मामले सामने आए. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल इसी अवधि के दौरान कुल 141 ऐसे मामले सामने आए थे और 2022 के लिए यह आंकड़ा 110 था.
पुलिस ने कहा कि साल 2023 में लोगों को जबरन वसूली के 204 मामले और 2022 में 187 मामले सामने आए. ऐसे मामलों को संभालने वाले एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कॉल करने वाले ज्यादातर वीओआईपी नंबर या फर्जी सिम कार्ड पर लिए गए व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल करते हैं.
दिल्ली में प्रदूषण पर कंट्रोल के दावे की खुली पोल, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट देने में फर्जीवाड़े का खुलासा
दिल्ली सरकार ने पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए ही ट्रैफिक चालान 500 रुपए से बढ़ाकर 10 हज़ार किया था, ताकि लोग तय समय पर अपनी गाड़ी के पॉल्यूशन की जांच कराते रहें. दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी है, यही कारण है कि पिछले कुछ साल से जब पॉल्यूशन बढ़ता है, तो दिल्ली सरकार ईवन और ऑड फॉर्मूला अपनाती है, ताकि सड़कों से गाड़ियों को कम किया जा सके, लेकिन पॉल्यूशन केंद्र पर बैठे ये लोग चंद पैसे के लालच में सरकार के सारे प्लान को फेल कर रहे हैं और हम ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं.