अब बुलडोजर एक्शन से पहले ये 7 काम करने होंगे सुनिश्चित, अफसरों से हो सकती है वसूली, 10 सवाल-जवाब में समझें SC की गाइडलाइंस
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
'अपना घर हो, अपना आंगन हो, इस ख्वाब में हर कोई जीता है. इंसान के दिल की ये चाहत है कि एक घर का सपना कभी न छूटे.'
ये लाइनें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को 'बुलडोजर जस्टिस' के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा. इसके साथ ही अदालत ने प्रशासन द्वारा आरोपियों/दोषियों के घरों को जमींदोज करने पर सख्त टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि इस मामले में मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते, अगर इस तरह से बुलडोजर चलाया तो भरपाई अफसर ही करेगा. बगैर सुनवाई आरोपी को दोषी नहीं करार नहीं दिया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अधिकारियों को यह भी बताया जाना चाहिए कि अगर बुलडोजर एक्शन में कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन पाया जाएगा, तो संबंधित अधिकारियों को नुकसान के भुगतान के अलावा ध्वस्त की गई संपत्ति की प्रतिपूर्ति के लिए अपने व्यक्तिगत खर्च पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा." अदालत ने कहा कि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को रातों-रात सड़कों पर घसीटते हुए देखना सुखद दृश्य नहीं है. अगर अधिकारी कुछ वक्त के लिए अपना हाथ थामे रहें, तो उन पर कोई आफत नहीं टूटेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने बुलडोजर कार्रवाई पर फैसला सुनाते हुए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं. अब प्रशासन को किसी जगह पर बुलडोजर कार्रवाई करने से पहले इन निर्देशों के तहत सुनिश्चित करना होगा कि संरचना पर कार्रवाई की जा सकती है या नहीं.
कोर्ट ने दिशानिर्देश जारी करते हुए बताया है कि बुलडोजर कार्रवाई आरोपियों पर क्यों नहीं चलाया जा सकता है और किन स्थितियों पर बुलडोजर कार्रवाई मान्य होगी. अगर बुलडोजर चलाया जाना जरूरी है, तो उसका क्या प्रोसेस होगा.
1- किन स्थितियों में बुलडोजर एक्शन नहीं किया जा सकता?
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