
Maharashtra: 5 साल से पुणे में अवैध रूप से रह रहे थे 3 बांग्लादेशी, बनवा रखे थे फर्जी डाक्यूमेंट
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महाराष्ट्र के पुणे में तीन बांग्लादेशियों (Bangladeshis) को पुलिस ने अरेस्ट किया है. यह लोग पिछले आठ महीने से तलेगांव स्थित नवलाख उम्ब्रे में रह रहे थे. वहीं पर एक कंपनी में काम करते थे. इन लोगों के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड के साथ ही बांग्लादेशी पासपोर्ट, बर्थ सर्टीफिकेट मिला है.
पुणे के तलेगांव में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशियों (Bangladeshis) को गिरफ्तार किया गया है. तलेगांव एमआईडीसी पुलिस स्टेशन के आतंकवाद सेल (एटीसी) ने इन लोगों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस इन सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी है.
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस कमिश्नरेट की सीमा में अवैध रूप से बांग्लादेशियों के रहने का मामला सामने आया है. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों की पहचान हुसैन शेख, मोनिरुल गाजी और अमीरुल साना के रूप में हुई है. यह लोग तलेगांव एमआईडीसी के नवलख उम्ब्रे इलाके में एक किराए के कमरे में रहते थे.
इस पूरे मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि पुलिस को इस मामले की गोपनीय सूचना मिली थी. सूचना देने वाले ने पुलिस को बताया था कि तलेगांव एमआईडीसी पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर नवलख उम्ब्रे में पानी की टंकी के पास कुछ लोग रह रहे हैं, जो बंगाली भाषी हैं. यह लोग यहां एक कमरा किराए पर लेकर रह रहे हैं, जो बांग्लादेशी हो सकते हैं.
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इस मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पुष्टि की और फिर पुलिस मौके पर पहुंची. जब जांच की गई तो पता चला कि रूम में हुसैन शेख, मोनिरुल गाजी और अमीरुल साना नाम के बांग्लादेशी रह रहे हैं. ये तीनों आरोपी बांग्लादेश के सातखिरा जिले के रहने वाले हैं. उनके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, पश्चिम बंगाल का जन्म प्रमाण पत्र, भारतीय ई-लेबर कार्ड के साथ-साथ बांग्लादेशी पासपोर्ट, बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र भी मिला है.
जांच-पड़ताल के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि ये तीनों मोबाइल फोन से बांग्लादेश के अलग-अलग मोबाइल नंबरों पर कॉल कर रहे थे. यह सभी पिछले चार-पांच साल से भारत में रह रहे हैं. पिछले आठ महीने से पुणे के नवलक उम्ब्रे में रहने लगे थे और यहां की एक कंपनी में काम करते थे.

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