हबीबुल युवाओं को दे रहा था lone wolf attack की ट्रेनिंग, ऐसे बना आतंक का मास्टर ट्रेनर
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14 अगस्त को कानपुर से गिरफ्तार 19 साल के हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह के बारे में सामने आया है कि वह जैश-ए-मोहम्मद का बेहद खतरनाक मास्टर ट्रेनर बन चुका था. सैफुल्लाह अपने साथी नदीम के जरिए बिहार और झारखंड में भी अपना नेटवर्क फैला रहा था. मदरसे में पढ़ने वाले दूसरे बच्चों को lone wolf attack के लिए तैयार कर रहा था. फिलहाल ATS ने नदीम और सैफुल्लाह के मोबाइल को FSL लैब भेज दिया है.
उत्तर प्रदेश एटीएस (UP ATS) ने 14 अगस्त को कानपुर से जिस 19 साल के हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह को गिरफ्तार किया उसके बारे में नई जानकारियां सामने आई हैं. पता चला है कि सैफुल्लाह जैश-ए-मोहम्मद का बेहद खतरनाक मास्टर ट्रेनर बन चुका था. उसने अपने नेटवर्क को यूपी के साथ-साथ बिहार और झारखंड में भी फैलाना शुरू कर दिया था.
अब तक की जांच और मोबाइल डाटा से यूपी एटीएस को सैफुल्लाह के खतरनाक इरादों का इशारा भर मिला है. अभी सैफुल्लाह और नदीम के मोबाइल की फॉरेंसिक रिपोर्ट और पूरा डाटा डाटा मिलना बाकी है.
ISIS की तर्ज पर lone wolf attack की तैयारी कर रहा हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह जैश-ए-मोहम्मद का मास्टर ट्रेनर बन चुका था. 19 साल का हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला भले ही बचपन से धर्म और दीन की पढ़ाई कर रहा हो, लेकिन मदरसे में पढ़ाई के दौरान ही मोबाइल से उसने आतंक का ऐसा ककहरा पढ़ना शुरू किया कि वह आतंक की दुनिया का मास्टर ट्रेनर बनने लगा.
बिहार और झारखंड में फैला रहा था नेटवर्क
फतेहपुर का सैफुल्लाह साथी नदीम के जरिए बिहार और झारखंड में भी अपना नेटवर्क फैला रहा था और मदरसे में पढ़ने वाले दूसरे बच्चों को lone wolf attack के लिए तैयार कर रहा था.
जानकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान सैफुल्लाह उम्र से ज्यादा दिमागी रूप से मजबूत नजर आ रहा है. उससे पूछताछ करने में अफसरों के भी पसीने छूट रहे है. वह किसी भी सवाल का जवाब हां या ना में दे रहा है और अगर उसके मोबाइल से मिली जानकारी पर सवाल किया जाता है तो उसके जवाब में वह सिर्फ अपने को सही बताने की कोशिश करता है. वह कहता है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया.
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