स्पिनर्स की चौकड़ी से चार खतरनाक तेज गेंदबाज तक, 50 साल में कैसे बदली भारतीय क्रिकेट की बॉलिंग
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एक वक्त था जब भारतीय क्रिकेट टीम की गेंदबाजी की पहचान सिर्फ स्पिनर्स के साथ होती थी. 1960 से 1970 के दशक में टीम इंडिया के पास एक ऐसी चौकड़ी थी, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. लेकिन आज भारत के पास ऐसे तेज गेंदबाज हैं जिनसे दुनिया खौफ खाती है.
भारत को पहला वर्ल्डकप जिताने वाले कप्तान और महान क्रिकेटर कपिल देव जब 1975 में मुंबई के एक मैदान पर अंडर-19 कैंप में हिस्सा लेने आए थे, तब उन्होंने खिलाड़ियों को मिलने वाली कम डाइट की शिकायत की थी. 16 साल के कपिल देव ने BCCI के सेक्रेटरी केकी तारापोर से शिकायत की थी कि वह एक तेज़ गेंदबाज़ हैं, ऐसे में उन्हें ज्यादा खाना चाहिए. तब उन्हें जवाब मिला था कि इस देश में एक भी तेज़ गेंदबाज नहीं है. यही सही भी था क्योंकि एक वक्त था जब भारतीय क्रिकेट टीम की गेंदबाजी की पहचान सिर्फ स्पिनर्स के साथ होती थी. 1960 से 1970 के दशक में टीम इंडिया के पास एक ऐसी चौकड़ी थी, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. ईरापली प्रसन्ना (189 विकेट), श्रीनिवास वेंकटराघवन (156), भगवत चंद्रशेखर (242) और बिशन सिंह बेदी (266). इन चारों स्पिनर्स की महान चौकड़ी भारतीय पिचों पर तबाही मचा देती थी. भारतीय पिचों के अलावा बाहर की पिचों पर भी चारों ने कई ऐसे स्पेल फेंके थे, जिन्होंने इतिहास रचा है. यही कारण है कि चार स्पिनर्स ने आपस में कुल 853 विकेट्स लिए थे. आजादी के बाद अपने पैरों पर खड़ा हो रहे भारतीय क्रिकेट का वो स्वर्णिम काल था. इस पुराने इतिहास के बाद भी अगर आप देखें तो आजतक भारत से महान स्पिनर्स ही निकले हैं. अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, रविचंद्रन अश्विन सबसे अधिक विकेट लेने गेंदबाजों में से भी एक हैं. भारत के पहले तेज गेंदबाज अमर सिंह और मोहम्मद निसार दरअसल, इसके पीछे का एक कारण भी बताया जाता है. साल 1932 में जब भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था तब टीम इंडिया के पास दो तेज़ गेंदबाज थे. अमर सिंह और मोहम्मद निसार, दोनों 6 फीट लंबे-तगड़े चौड़े गेंदबाज, जो पूरी ताकत के साथ बॉल फेंकते थे. दोनों ने भारत के लिए क्रमश: 7 और 6 टेस्ट मैच खेले, निसार ने 25 विकेट लिए और अमर सिंह ने 28. लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दोनों के नाम सैकड़ों विकेट हैं.Virat Kohli, IND vs AUS Test: भारतीय टेस्ट टीम इस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, जहां उसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. सीरीज का पहला मुकाबला 22 नवंबर से पर्थ में खेला जाएगा. इससे पहले ही ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज विकेटकीपर इयान हीली और शेन वॉट्सन समेत कई दिग्गज अपने गेंदबाजों को कोहली को आउट करने की सलाह देने लगे और अलग-अलग प्लान बताने लगे हैं.
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