सेना प्रमुख हाथ में बंदूक के बजाय छड़ी लेकर क्यों चलते हैं? ये है इसकी कहानी...
AajTak
आपने अक्सर देखा होगा कि सेना के बड़े अधिकारी के हाथ में एक छोटी सी छड़ी होती है. कुछ लोग इसे बेंत कहते हैं. कुछ लोग बैटन. कुछ लोग स्वैगर स्टिक. इस छड़ी को साथ में रखने से होता क्या है? क्या है इसका मतलब? क्या ये कोई हथियार है?
सेना के जनरल साहब एक परेड में गए. पूरी शान-ओ-शौकत वाली यूनिफॉर्म. कंधे पर सितारे और राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह. सीने पर ढेर सारे मेडल. लेकिन हाथ में एक छोटी सी छड़ी. जब बात सेना के अधिकारी की होती है, तब उसकी इमेज में हथियार जरूर दिखता है. लेकिन इतनी बड़ी सेना के जनरल साहब के हाथ में एक छोटी सी छड़ी. असल में इस छड़ी का मतलब क्या है. आइए जानते हैं इस छड़ी की पूरी कहानी.
एक छोटी सी लकड़ी की बेंत. छड़ी या केन. जो पेंट करके. या फिर उसके ऊपर लेदर चढ़ाकर दोनों तरफ धातु की कैप लगाई जाती है. इसे स्वैगर स्टिक (Swagger Stick) कहते हैं. इसे सेना के बड़े अधिकारी या बड़े पुलिस अधिकारी भी लेकर चलते हैं. यह सेना के उस अधिकारी के पास में होता है, जिसके पास किसी तरह की अथॉरिटी हो. यानी वो प्लानिंग और मैनेजमेंट करने की क्षमता रखता हो. उसके पास सेना का एक बड़ा हिस्सा संचालित करने का अधिकार हो.
रोमन साम्राज्य से शुरु होती छड़ी की परंपरा
स्वैगर स्टिक (Swagger Stick) की शुरुआत रोम साम्राज्य से शुरु होती है. उस समय रोमन सेना के वाइन स्टाफ के हाथ में यह छड़ी होती थी. लेकिन इसे आधुनिक पहचान मिली प्रथम विश्व युद्ध में. तब ब्रिटिश सेना के सभी अधिकारी जब ड्यूटी पर नहीं होते थे, तब अपने साथ इस स्टिक को लेकर चलते थे. इन स्टिक्स के ऊपर उनके रेजिमेंट का निशान बना होता था. ये स्टिक लकड़ी से बनाई जाती थी, जिसे पॉलिश किया जाता था.
प्रथम विश्व युद्ध से मिली इसे आधुनिक पहचान
घुड़सवार छोटी राइडिंग केन लेकर घूमते थे. यह स्टिक लेकर चलने की प्रथा सिर्फ ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों और रॉयल मरीन्स तक सीमित थी. कभी भी किसी और सैन्य संस्था या पुलिस ने इसकी नकल नहीं की. 1939 में शांति के समय में सैनिक सामान्य तौर पर बैरक से बाहर निकलते समय इसे लेकर निकलते थे. लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत में यह प्रथा खत्म होती चली गई. क्योंकि ऑफ ड्यूटी होने के बाद हमले के डर से सैनिक यूनिफॉर्म नहीं पहनते थे. इसलिए स्टिक भी नहीं रखते थे.
पॉडकास्ट में पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या आपकी लाइफ में आपकी रिस्क टेकिंग एबिलिटी टाइम के साथ बढ़ रही है. प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, 'मुझे लगता है मेरी जो रिस्क टेकिंग कैपेसिटी है उसका अभी फुल यूटिलाइजेशन हुआ ही नहीं है, बहुत कम हुआ है. मेरी बहुत रिस्क टेकिंग कैपेसिटी शायद अनेक गुना ज्यादा होगी इसका कारण है कि मुझे परवाह ही नहीं है. मैंने अपने विषय में कभी सोचा ही नहीं है और जो खुद के लिए नहीं सोचता है उसके पास रिस्क टेकिंग कैपेसिटी का कोई यानी बेहिसाब होती है मेरा केस ऐसा है. आज मैं ये नहीं हूं कल ये नहीं रहूंगा तो मेरा क्या होगा कोई लेना देना ही नहीं मेरा.'
गुजरात में नकली अधिकारियों द्वारा छापेमारी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है. दाहोद जिले के सुखसर गांव में फर्जी आयकर अधिकारियों द्वारा छापेमारी की घटना सामने आई है. यहां छह नकली आयकर अधिकारियों ने एक लाइसेंसी साहूकार की दुकान पर छापा मारकर 25 लाख रुपये की मांग की. हैरानी की बात यह है कि इस छापेमारी में असली जीएसटी अधिकारी भी शामिल थे.
महाराष्ट्र की राजनीति में नए घटनाक्रम: शरद पवार ने संघ की तारीफ की, जिस पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं. उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह विरोधियों को जेल में डालने की कोशिश करती है. नीतीश राणे के EVM पर विवादित बयान से नया विवाद खड़ा हो गया. विपक्ष ने इसे संविधान का अपमान बताया. प्रधानमंत्री के 'युद्ध नहीं बुद्ध' वाले बयान पर भी सवाल उठे. महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों की संभावना.
उत्तर भारत में कोहरे और बारिश ने सर्दी का सितम बढ़ा दिया है. दिल्ली, एनसीआर, यूपी, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में घना कोहरा छाया रहा. शाम को कई राज्यों में बारिश होने से ठंड और बढ़ गई. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बर्फीली हवाओं की चेतावनी दी है. दिल्ली में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक गिरने की संभावना है. राजस्थान के कई जिलों में भी बारिश की संभावना है. यूपी के मुरादाबाद और झांसी में कोहरे ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है.
पॉडकास्ट में पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या आपकी लाइफ में आपकी रिस्क टेकिंग एबिलिटी टाइम के साथ बढ़ रही है. प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, 'मुझे लगता है मेरी जो रिस्क टेकिंग कैपेसिटी है उसका अभी फुल यूटिलाइजेशन हुआ ही नहीं है, बहुत कम हुआ है. मेरी बहुत रिस्क टेकिंग कैपेसिटी शायद अनेक गुना ज्यादा होगी इसका कारण है कि मुझे परवाह ही नहीं है. मैंने अपने विषय में कभी सोचा ही नहीं है और जो खुद के लिए नहीं सोचता है उसके पास रिस्क टेकिंग कैपेसिटी का कोई यानी बेहिसाब होती है मेरा केस ऐसा है. आज मैं ये नहीं हूं कल ये नहीं रहूंगा तो मेरा क्या होगा कोई लेना देना ही नहीं मेरा.'
OpenAI के रिसर्चर सुचिर बालाजी केस फिर खुला? 'आत्महत्या' से एक्टिव इन्वेस्टिगेशन के बयान से उठे सवाल
सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग (एसएफपीडी) ने मामले को एक्टिव इनवेस्टिगेशन बताया है. यह घटनाक्रम आत्महत्या के शुरुआती निष्कर्ष के इर्द-गिर्द बढ़ती जांच और अनसुलझे सवालों के बीच हुआ है. एसएफपीडी और चीफ मेडिकल एग्जामिनर का कार्यालय, जो अचानक, हिंसक या अप्रत्याशित मौतों की जांच के लिए जिम्मेदार है, ने सैन फ्रांसिस्को स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार एक्टिव इनवेस्टिगेशन का हवाला देते हुए पूरी घटना रिपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 29 उम्मीदवारों के साथ अपनी दूसरी लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से बीजेपी में आए कई उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. जैसे कि कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी की टिकट पर करावल नगर से ही विधायक रहे हैं, और बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर उन्हें टिकट दिया है.
राजधानी दिल्ली में पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 31 किलो अफीम को बरामद किया और तस्करी के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी मणिपुर से दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में अफीम की सप्लाई करते थे. अब पुलिस पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए पूछताछ कर रही है.