सुरक्षाबलों ने कुलगाम में लश्कर के टॉप कमांडर बासित अहमद डार को घेरा, एनकाउंटर जारी
AajTak
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के रेडवानी पाइन इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है. इस बीच मुठभेड़ के दौरान लश्कर का शीर्ष कमांडर बासित अहमद डार को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है. बासित पर एनआईए काफी समय पहले ईनाम घोषित कर चुकी है.
जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन जारी है. सोमवार सुबह दक्षिण कश्मीर में कुलगाम के रेडवानी पाईन इलाके में तलाशी अभियान के साथ सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई है जो फिलहाल जारी है. जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला हुआ है. इस बीच खबर आ रही है कि शीर्ष लश्कर कमांडर बासित अहमद डार में कुलगाम की इस मुठभेड में घिर गया है.
आपको बता दें कि पिछले साल ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के कमांडर बासित अहमद डार पर 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी. इनामी राशि की घोषणा दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के रेडवानी पाईन के बासित अहमद डार के खिलाफ दर्ज मामले 32/2021/एनआईए/डीएलआई में की गई थी.
यह भी पढ़ें: भारतीय सेना को बड़ी सफलता, कुलगाम में लश्कर-ए-तैयबा के 5 आतंकी ढेर
अधिकारियों के मुताबिक, बासित कई हत्याओं का मास्टरमाइंड था. रेडवानी के कुलगाम का निवासी बासित, जो पिछले साल अप्रैल 2022 से अपने घर से लापता था, लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) में शामिल हो गया था.
4 मई को हुआ था आतंकी हमला
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गत 4 मई को आतंकवादियों ने भारतीय वायु सेना (IAF) के काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया था. सुरक्षा अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस हमले में IAF का 1 जवान शहीद हो गया, जबकि 4 अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि हमला शनिवार शाम को तब हुआ जब वायुसेना का काफिला जिले के सुरनकोट इलाके में सनाई टॉप की ओर बढ़ रहा था. इस हमले में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें मार गिराने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.