सुपरटेक ट्विन टावर ध्वस्त करने एक चुनौतियां, क्या विदेशी एक्सपर्ट की लेनी होगी मदद?
Zee News
नोएडा स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 40 फ्लोर वाले ट्विन टावर को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार देते हुए तीन महीने के भीतर गिराने का आदेश दिया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्विन टावर में जो भी फ्लैट खरीदार हैं, उन्हें दो महीने के भीतर उनके पैसे रिफंड किए जाए, इस रकम पर 12 फीसदी ब्याज का भी भुगतान किया जाए.
नई दिल्ली: 10 साल पहले रखी गई सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) में भ्रष्टाचार की नींव को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अवैध करार देते हुए 3 महीने के भीतर गिराने के आदेश दिए हैं. हालांकि एक्सपर्ट्स की मानें तो हिंदुस्तान में इस तरह की बिल्डिंग को पहले ध्वस्त नहीं किया गया है, ऐसे में इंटरनेशनल एक्सपर्ट की सलाह लेनी पड़ेगी. प्लानिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट अभिनव सिंह के मुताबिक, अर्बन एरिया में इस तरह का फैसला ऐतिहासिक है, लेकिन इसके पीछे चुनातियां भी हैं. बिल्डिंग के बगल में कई सारी इमारत पहले से मौजूद हैं. हिंदुस्तान में इस तरह की बिल्डिंग को ध्वस्त नहीं किया गया जो इतनी मंजिल की हों. बिल्डिंग ध्वस्त करने पर आसपास में एक वाइब्रेशन भी पैदा होगा, जो स्थानीय बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा सकता है. इस तरह की बिल्डिंग को तोड़ने के लिए हिंदुस्तान में कोई एक्सपर्ट नहीं है. हमें विदेश से मदद लेनी होगी. इंटरनेशनल एक्सपर्ट की मदद से हम इसपर कोई कार्रवाई कर सकते हैं.More Related News