सिर्फ '0.85%' वोटों से तय हुई हरियाणा की कुर्सी! मार्जिन गेम में BJP ने कांग्रेस को ऐसे दी पटखनी
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हरियाणा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत के साथ जनादेश मिला है. हरियाणा की कांटे की लड़ाई में सत्ता की तस्वीर सिर्फ 0.85 फीसदी वोटों के मार्जिन गैप से तय हुई. जानिए दोनों दलों को मिले वोट में कितने का अंतर रहा?
हरियाणा विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों से लेकर अंतिम नतीजे आने तक, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों ही दलों की उम्मीदें जिंदा रहीं. शुरुआती रुझानों में एक समय कांग्रेस बहुमत के आंकड़े के पार पहुंच गई. कांग्रेस कार्यालय पर जश्न भी शुरू हो गया लेकिन यह जश्न महज कुछ देर की खुशी साबित हुआ.
रुझान पलटे और बीजेपी ने रिकवरी की और तस्वीर जो बदली, कांग्रेस की उम्मीदें कांटे के मुकाबले में अंत तक जिंदा रहीं लेकिन पार्टी कभी सरकार बनाने की स्थिति में आती नहीं नजर आई. जीत का जश्न कांग्रेस कार्यालय से बीजेपी के कैंप में शिफ्ट हो गया. हरियाणा के मार्जिन गेम में कांग्रेस मामूली अंतर से पिछड़ गई. मामूली अंतर से सत्ता की तस्वीर तय हो गई और सूबे के पावर से पार्टी के 10 साल लंबे वनवास को और पांच साल का एक्सटेंशन मिल गया.
हरियाणा चुनाव का मार्जिन गेम
हरियाणा चुनाव में फाइट कितनी टाइट थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल पांच सीटें ही ऐसी रहीं जहां जीत-हार का अंतर 50 हजार से ज्यादा रहा. बादशाहपुर, फिरोजपुर झिरका, गढ़ी सांपला-किलोई, गुड़गांव और पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट पर जीत-हार का अंतर 50 हजार से अधिक रहा. सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के मामन खान के नाम रहा. मामन खान ने 98 हजार 441 वोट के अंतर से चुनावी बाजी जीती.
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सूबे की 19 सीटें ऐसी रहीं जहां जीत-हार का अंतर पांच हजार से कम वोट का रहा जिनमें ती सीटों- डबवाली, लोहारू और उचाना कलां में तो एक हजार से भी कम अंतर से फैसला हुआ. क्लोज कॉन्टेस्ट वाली इन 19 सीटों में से सात सीटों पर कांग्रेस, 10 सीटों पर बीजेपी और दो सीटों पर चौटाला परिवार की इंडियन नेशनल लोक दल के उम्मीदवारों को जीत मिली.
राज्यसभा में अमित शाह ने कांग्रेस पर डॉ भीमराव आंबेडकर के नाम का राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आंबेडकर के सिद्धांतों को नहीं मानती, बल्कि सिर्फ वोट बैंक के लिए उनका नाम लेती है. बीजेपी नेता ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने ही अंबेडकर के स्मारक बनवाए और उनके विचारों को आगे बढ़ाया. देखें VIDEO