'ये तीन काम छोड़ दो, जनता जिता देगी...', अमित शाह ने कांग्रेस को दी नसीहत
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राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को लेकर तीखा हमला किया. शाह ने कहा कि अगर कांग्रेस ये तीन काम छोड़ दे, तो जनता उसे जीत दिला देगी.
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र है, परिवारवाद नहीं होना चाहिए. शाह ने कहा, 'हम एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र हैं, यहां तुष्टिकरण की जगह नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस ने हमेशा परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को आगे रखा. ये तीन काम छोड़ दो, जनता जिता देगी.'
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, 'मोहब्बत की दुकान के बहुत नारे सुने हैं. हर गांव में दुकान खोलने की महत्वाकांक्षा रखने वालों के भाषण भी सुने हैं. पर मोहब्बत बेचने की चीज नहीं है, ये एक जज्बा है, जिसे महसूस किया जाता है.'
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कांग्रेस को कई मुद्दे पर घेरा अमित शाह ने कांग्रेस पर नागरिक अधिकारों के हनन के लिए संविधान संशोधन करने और कच्चातिवु द्वीप को रातोरात श्रीलंका को सौंपने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'कच्चातिवु द्वीप हमारा भूभाग है, लेकिन आज हमारे पास नहीं है. कांग्रेस ने इसे संसद में चर्चा किए बिना ही श्रीलंका को सौंप दिया.'
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आपातकाल का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, 'आपने पार्टी को तो परिवार की जागीर समझा ही है, संविधान को भी परिवार की जागीर बना लिया. संविधान के साथ ऐसा अन्याय दुनिया में किसी ने नहीं किया. आपातकाल में कई लोगों को जेल में डाल दिया गया, जिनमें से कई लोग आज आपके साथ बैठे हैं.'
दुनिया भर में प्रसिद्ध भिलाई की पंडवानी लोक गायिका 78 साल की तीजन बाई पिछले 6 महीने से बिस्तर पर हैं. ठीक से बोल सुन नहीं पातीं. आठ महीने से पेंशन बंद है. इलाज के लिए 90 हजार रुपए मांगे, वो नहीं मिले हैं. पद्म विभूषण से सम्मानित तीजन बाई को अपने ही हक की पेंशन पाने में महीनों लटका दिया गया. देखें 10 तक.
129वां संविधान संशोधन विधेयक 'एक राष्ट्र एक चुनाव' लागू करने के उद्देश्य से लाया गया है. यह बिल न सिर्फ संसद में, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी संवैधानिक और कानूनी परीक्षा से गुजरेगा. इस बिल की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह संवैधानिक ढांचे, संघीय ढांचे और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर कितना खरा उतरता है.
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अमित शाह ने कहा, 'ये लोग कहते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ का अधिकार मिले तो हमें आपत्ति नहीं है. तो फिर पूरा शरिया लागू करिए. क्रिमिनल में क्यों शरिया निकाल दिया. क्या चोरी करने पर हाथ काट दोगे, कोई महिला के साथ जघन्य अपराध करे तो पत्थर मारकर मार दोगे, देशद्रोही को रोड पर सूली चढ़ाओगे तो निकाह के लिए पर्सनल लॉ, वारिस के लिए पर्सनल लॉ और क्रिमिनल शरिया क्यों नहीं? अगर उनको देना ही है तो पूरा दे देते.'