'मुस्लिमों का पर्सनल लॉ शरिया के मुताबिक तो क्रिमिनल लॉ क्यों नहीं?', अमित शाह का कांग्रेस से सवाल
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अमित शाह ने कहा, 'ये लोग कहते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ का अधिकार मिले तो हमें आपत्ति नहीं है. तो फिर पूरा शरिया लागू करिए. क्रिमिनल में क्यों शरिया निकाल दिया. क्या चोरी करने पर हाथ काट दोगे, कोई महिला के साथ जघन्य अपराध करे तो पत्थर मारकर मार दोगे, देशद्रोही को रोड पर सूली चढ़ाओगे तो निकाह के लिए पर्सनल लॉ, वारिस के लिए पर्सनल लॉ और क्रिमिनल शरिया क्यों नहीं? अगर उनको देना ही है तो पूरा दे देते.'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को राज्यसभा में 'भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' विषय पर चर्चा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ और धर्म के आधार पर आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संविधान आने के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ से देश में तुष्टिकरण की शुरुआत हुई.
अमित शाह ने कहा, 'अभी-अभी कुछ नेताओं को आरक्षण में चुनाव जीतने का फॉर्मूला दिखाई दिया. आरक्षण कोई आज की कल्पना नहीं है. यह हमारे संविधान निर्माताओं ने की थी. आर्टिकल 15 और 16 में एससी-एसटी और ओबीसी को आरक्षण का प्रावधान किया गया है. यह कोई नया नहीं है. आज मैं बताता हूं कि कांग्रेस किस प्रकार आरक्षण विरोधी पार्टी है. उनका कहना और करना दोनों अलग-अलग है.'
'कहां गई काका साहेब कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट?'
गृह मंत्री ने कहा, 'ओबीसी को आरक्षण देने के लिए 1955 में काका साहेब कालेलकर कमीशन बना. इसकी रिपोर्ट कहां है. मैंने दोनों सदन के रिकॉर्ड में ढूंढ़ा, कहीं नहीं है. उसे भुला दिया गया क्योंकि ओबीसी को आरक्षण मिल रहा था.' उन्होंने कहा, 'कोई भी रिपोर्ट आती है उसको कैबिनेट के सामने रखना पड़ता है. फिर उस पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ संसद के सामने रखना पड़ता है. उन्होंने संसद में लाने की जगह पुस्तकालय में रख दिया. ओबीसी का आरक्षण इन्होंने लाइब्रेरी में रख दिया.'
'मंडल कमीशन की रिपोर्ट के विरोध में राजीव गांधी ने दिया भाषण'
अमित शाह ने कहा, 'अगर काका साहेब कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट स्वीकार कर ली होती तो 1980 में मंडल कमीशन की रिपोर्ट की जरूरत न पड़ती. मंडल कमीशन ही इसलिए बनाया गया क्योंकि काका साहेब कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट को स्वीकारा नहीं. 80 में मंडल कमीशन की रिपोर्ट भी आ गई, किसी ने इस पर अमल नहीं किया. अमल तब हुआ जब 90 में इनकी सरकार गई.'
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