सिर्फ ₹30 प्राइस बैंड... अमेरिका में हैं कंपनी के सभी कस्टमर्स, इस दिन आ रहा ये IPO
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यह कंपनी सैगिलिटी इंडिया (Sagility India) लिमिटेड है. इसका IPO 5 नवंबर को सदस्यता के लिए खुल रहा है और 7 नवंबर को बंद हो जाएंगे. इस आईपीओ का साइज 2,106.60 करोड़ रुपये का है. इस आईपीओ के तहत सभी 70.22 शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए जारी किए जाएंगे.
एक मेनबोर्ड IPO 5 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए ओपेन हो रहा है, जिसका प्राइस बैंड सिर्फ 30 रुपये प्रति शेयर है. यानी कि आपको 30 रुपये में ही इस कंपनी के एक शेयर आईपीओ सदस्यता के दौरान मिल सकता है. रिटेन निवेशकों को इस IPO में कम से कम 15000 रुपये का निवेश करना होगा. जिसके बदले में उन्हें इस कंपनी के 500 शेयर मिल सकते हैं.
दरअसल, यह कंपनी सैगिलिटी इंडिया (Sagility India) लिमिटेड है. इसका IPO 5 नवंबर को सदस्यता के लिए खुल रहा है और 7 नवंबर को बंद हो जाएंगे. इस आईपीओ का साइज 2,106.60 करोड़ रुपये का है. इस आईपीओ के तहत सभी 70.22 शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए जारी किए जाएंगे. फ्रेश इश्यू नहीं है. इस कंपनी के शेयर BSE और NSE दोनों जगहों पर लिस्ट होंगे.
कब लिस्ट होंगे कंपनी के शेयर इस आईपीओ के 7 नंवबर को क्लोज होने के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 8 नवंबर 2024 को किया जाएगा. हालांकि Sagility India के शेयरों की लिस्टिंग बीएसई और एनएसई पर 12 नवंबर 2024 को होगा. इसका प्राइस बैंड ₹28 से ₹30 प्रति शेयर तय किया गया है. जिसके लिए कम से कम रिटेल निवेशकों को इसमें 1 लॉट के लिए 15000 रुपये लगाने होंगे और उन्हें 500 शेयर मिल सकते हैं. sNII इसमें 14 लॉट के लिए कम से कम 2.10 लाख रुपये लगा सकते हैं.
कर्मचारियों को मिल रही छूट इस कंपनी के कर्मचारियों को छूट दी गई है, उनके लिए कुल 1,900,000 शेयर रिजर्व रखे गए हैं. कर्मचारी इस कंपनी के शेयर 2 रुपये के डिस्काउंट पर ले सकते हैं और कर्मचारी कैटेगरी में निवेश कर सकते हैं. रिटेल निवेशक इश्यू साइज का 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते हैं. वहीं QIB के लिए कम से कम इश्यू साइज का 75 फीसदी कोटा रिजर्व है. वहीं HNI के लिए 15 फीसदी कम से कम हिस्सा रिजर्व रखा गया है.
क्या करती है कंपनी? सैगिलिटी इंडिया लिमिटेड, जिसे पहले बर्कमीर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. यह हेल्थकेयर सेक्टर के सॉल्यूशन पर फोकस है और इससे जुड़ी सर्विस प्रोवाइड कराती है. कंपनी भुगतानकर्ताओं और प्रदाताओं दोनों के मुख्य व्यवसाय का समर्थन करती है. इसके अलावा, कंपनी भुगतानकर्ताओं को फ़ार्मेसी लाभ मैनेजमेंट्स ("PBMs") को भी कुछ सर्विस देती है. जो स्वास्थ्य लाभ योजनाओं के तहत सदस्यों (यानी, बीमित व्यक्ति) के लिए प्रिस्क्रिप्शन दवा कवरेज को कवर करते हैं.
अमेरिका में हैं कस्टमर्स कंपनी के सभी ग्राहक अमेरिका में स्थित हैं. 31 मार्च, 2024 तक, कंपनी के पांच सबसे बड़े ग्राहक समूहों की सेवा का औसत कार्यकाल 17 वर्ष था. जनवरी 2024 में कंपनी ने अमेरिका में दस सबसे बड़े प्रेयर्स में से पांच को सेवा दी थी. इसके अलावा, कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024 और 2023 में 20 नए कस्टमर्स हासिल किए. 31 मार्च, 2024 तक, सैगिलिटी इंडिया में 35,044 कर्मचारी थे, जिनमें से 60.52% महिलाएं थीं. 31 मार्च 2024 तक, 1,687 कर्मचारियों के पास प्रमाणपत्र थे, जिनमें 374 प्रमाणित मेडिकल कोडर, अमेरिका, फिलीपींस और भारत में 1,280 रजिस्टर्ड नर्स और दंत चिकित्सा, सर्जरी और फार्मेसी जैसी अन्य डिग्री वाले 33 कर्मचारी शामिल थे.
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...