सिब्बल की जगह आजाद के घर बैठक, 4 घंटे मंथन, कांग्रेस के बागी 'G-18' की मीटिंग में क्या कुछ हुआ
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बागी नेताओं ने अपने बयान में कांग्रेस नेतृत्व से 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने की अपील की. इतना ही नहीं इन नताओं ने एक बार फिर पार्टी में अधिक समावेशी और सामूहिक नेतृत्व की जरूरत की बात कही.
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में एक बार फिर बगावती सुर तेज हो गए हैं. कांग्रेस के बागी नेताओं के गुट की बुधवार देर रात गुलाम नबी आजाद के घर पर दिल्ली में बैठक हुई. बैठक के बाद कपिल सिब्बल, शशि थरूर समेत कांग्रेस के 18 नेताओं ने बयान भी जारी किया.
गुलाम नबी आजाद के आवास 5 साउथ एवेन्यू में हुई इस बैठक से जब तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर बाहर निकले तो उनके चेहरे पर एक फीकी सी मुस्कान नजर आ रही थी. हालांकि, यह मुस्कान कांग्रेस आलाकमान और बागी गुट के बीच बढ़ती दरार को छिपाने के लिए काफी नहीं थी.
बागी नेताओं ने बयान जारी कर क्या कहा? इसके बाद आजाद के आवास से 5 पूर्व सीएम, 7 पूर्व केंद्रीय मंत्री और कुछ पूर्व सांसद भी निकले. ये सभी डिनर में शामिल होने आए थे. हालांकि, विवेक तन्खा को छोड़कर किसी नेता ने कोई बयान नहीं दिया. विवेक तन्खा ने कहा कि यह बैठक कोई विद्रोह के तौर पर नहीं थी, बल्कि दोस्तों के साथ साधारण डिनर था.
बैठक के बाद एक संक्षिप्त बयान भी जारी किया गया. बयान में सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की बात कही गई. साथ ही इसमें पार्टी को बीजेपी से मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ आने की समझाइश दी गई. बयान में स्पष्ट संदेश दिया गया कि अब संघर्ष विराम अतीत की बात थी. अब बागी नेता पार्टी कार्यकर्ताओं के पास जाएंगे. कांग्रेस के बागी गुट की बैठक ऐसे वक्त पर हुई, जब हाल ही में 5 राज्यों में मिली हार के बाद सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी. गुलाम नबी आजाद के घर हुई इस बैठक में बागी खेमे में संख्या बढ़ती हुई नजर आई. माना जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस के और नेता बागी गुट में शामिल हो सकते हैं.
क्या है भविष्य की योजना?
इस बैठक में शामिल सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि भविष्य के कदम को लेकर घोषणा जल्द ही की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, इसका मतलब है कि सभी बागी नेता पार्टी कार्यकर्ताओं के पास जाएंगे और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए जमीनी स्तर पर बैठक करेंगे. बैठक में मौजूद एक कांग्रेसी नेता ने कहा, हम पार्टी नहीं छोड़ रहे. हम कांग्रेसी हैं औऱ पार्टी की विचारधारा में विश्वास करते हैं. इसलिए जब तक हमें बाहर नहीं किया जाता, हम पार्टी में बने रहेंगे.
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