सावन के पहले सोमवार को यादव बंधुओं ने किया काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक, जानें क्या है परंपरा
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सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक यादवबंधु ने किया. 1932 से चली आ रही परंपरा के अनुसार इस बार भी यादव बंधुओं ने प्रशासन की अनुमति के बाद बाबा की पूजा अर्चना की.
विशांत श्रीवास्तव/ वाराणसी: सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक यादवबंधु ने किया. 1932 से चली आ रही परंपरा के अनुसार इस बार भी यादव बंधुओं ने प्रशासन की अनुमति के बाद बाबा की पूजा अर्चना की. पीतल के ध्वज डमरु सहित 11 यादव बंधुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर पूजा अर्चना की. ऐसे शुरू हुई परंपरा यादव बंधुओं के जलाभिषेक की परंपरा 1932 में अकाल के बाद शुरू हुई. देश में अकाल के कारण पशु-पक्षी भी जल के बिना मर रहे थे. तब बनारस के यादव समाज के भोला सरदार और चुन्नी सरदार ने बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक किया. जलाभिषेक के बाद ही जोरदार बारिश शुरू हो गई थी. तभी से ये परम्परा चली आ रही है.वर्तमान में जलाभिषेक का नेतृत्व भोला सरदार के बेटे लालजी यादव कर रहे हैं.More Related News
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