सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन, मुंबई में ली आखिरी सांस
AajTak
सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार को निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली. वह लंबे समय से बीमार थे.
सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार को निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली. वह 75 साल के थे.
सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उनका पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी.
सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था. वे भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. उन्हें देशभर में 'सहाराश्री' के नाम से भी जाना जाता था.
उनके निधन पर समाजवादी पार्टी ने शोक जताते हुए कहा कि सहाराश्री सुब्रत रॉय जी का निधन. अत्यंत दुखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को ये असीम दुख सहने का संबल प्राप्त हो. भावभीनी श्रद्धांजलि.
जमानत पर बाहर थे सुब्रत रॉय
पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ लोगों के पैसों का कई सालों से भुगतान नहीं करने का एक मामला चल रहा है. लोगों ने ये पैसे कंपनी की कई स्कीमों में लगाए थे. लेकिन बाद में सहाराश्री को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई थी. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर तत्काल सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी. साथ ही उनके खिलाफ आगे किसी तरह की कार्रवाई को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.