
समान शिक्षा प्रणाली के लिए दायर हुई याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
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याचिकार्ताओं की केंद्र सरकार से मांग है कि इन सभी मुद्दों पर प्रकाश डाला जाए. उनका ये भी कहना है कि अभी चलने वाली शिक्षा प्रणाली लोगों के बीच समाज में विभाजन पैदा कर रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट में 12वीं की समान शिक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में केंद्र सरकार से मांग थी कि 12वीं तक की सभी कक्षा की समान शिक्षा प्रणाली हो. सभी छात्रों को अपनी-अपनी मातृ भाषा में पढ़ाई करवाई जाए. इसके साथ हर पाठ्यक्रम के छात्र को अवसर, बंधुत्व, एकता और राष्ट्र की अखंडता बनाए रखने का हवाला दिया गया है. इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. आज इस गुहार पर हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.
इन सभी मांगों के साथ-साथ याचिकाकर्ता ने कोचिंग माफिया और शिक्षा माफिया पर एक बड़ा आरोप भी लगाया है. उन्होंने कहा ये माफिया एक शिक्षा बोर्ड नहीं बनने देना चाहते हैं. पुस्तक माफिया ये नहीं चाहते कि सभी स्कूलों में NCERT की किताबें चलें. जिसकी वजह से कक्षा 12वीं तक समान शिक्षा प्रणाली नहीं है. याचिकार्ताओं की केंद्र सरकार से मांग है कि इन सभी मुद्दों पर प्रकाश डाला जाए. उनका ये भी कहना है कि अभी चलने वाली शिक्षा प्रणाली लोगों के बीच समाज में विभाजन पैदा कर रही है.
सभी शिक्षा बोर्ड एक दूसरे से काफी अलग याचिकाकर्ता का कहना है कि समानता लागू करने के लिए सभी को एक समान अवसर मिले.और बताया कि संविधान के अनुच्छेद 14 से16 के हवाले से याचिका में उल्लेख किया गया है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई) के पाठ्यक्रम और राज्य बोर्डों के पाठ्यक्रम पूरी तरह से अलग हैं, और यही कारण है कि छात्रों को समान अवसर नहीं मिलते हैं.

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