शिंदे, फडणवीस या कोई सरप्राइज नाम? बिहार-एमपी और राजस्थान में से किस फॉर्मूले से चुना जाएगा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री
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महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की महाजीत के बाद अब बड़ा सवाल है कि नई सरकार की कमान किस दल-किस नेता के पास जाएगी? सीएम के लिए एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस का नाम रेस में है. चर्चा में सीएम चयन के चार फॉर्मूले भी हैं.
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की महा जीत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मजबूत होकर उभरी है और चुनाव पूर्व गठबंधन में सबसे बड़ा दल होने के नाते सीएम पद पर पार्टी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. दूसरी तरफ शिवसेना के पास बीजेपी के मुकाबले आधे से भी कम सीटें हैं लेकिन एकनाथ शिंदे भी सीएम दावेदार हैं. सीएम के लिए दावेदारी डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी कर दी है. ऐसे में महायुति सरकार का नया सीएम किस फॉर्मूले से चुना जाएगा? ये बड़ा सवाल है.
बीजेपी नेतृत्व ने सीएम और सरकार गठन पर चर्चा के लिए देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार को दिल्ली बुला लिया है. तीनों ही नेताओं की गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं के साथ मुलाकात में सरकार गठन के फॉर्मूले पर बात होनी है. इसकी चर्चा से पहले ये जान लेना भी जरूरी है कि किसकी दावेदारी का क्या आधार है.
किसकी दावेदारी का क्या आधार
देवेंद्र फडणवीसः महाराष्ट्र बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा हैं. साल 2014 से 2019 तक पूरे पांच साल बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार में मुख्यमंत्री रहे हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला तो इसके लिए भी फडणवीस को ही श्रेय दिया गया था. हालांकि, सीएम पद को लेकर खींचतान के बाद शिवसेना ने शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार बना ली थी.
उद्धव सरकार की कार्यकाल पूरा करने से पहले ही विदाई और एकनाथ शिंदे की अगुवाई में महायुति सरकार के गठन में भी फडणवीस की भूमिका अहम रही. महाराष्ट्र में फडणवीस को लेकर एक नैरेटिव यह भी था कि सीएम भले ही शिंदे हों, सरकार वही चला रहे हैं. सबसे बड़े दल का सबसे बड़ा चेहरा होने के नाते फडणवीस सीएम पद के मजबूत दावेदार हैं.
एकनाथ शिंदेः शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं. सीएम शिंदे की सरकार के कामकाज को लेकर ही महायुति विधानसभा चुनाव के मैदान में गई थी. आम चुनाव में सीटों का नुकसान उठाने के बाद महायुति सरकार ने लड़की बहना योजना शुरू की थी. महिला मतदाताओं को टार्गेट कर शुरू की गई इस योजना को हालिया चुनाव में गेमचेंजर बताया जा रहा है. सीएम शिंदे इस योजना को अपने दिमाग की उपज बताकर भी फिर से मुख्यमंत्री बनने के लिए दावेदारी कर रहे हैं.
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