पाकिस्तान में शिया-सुन्नी की लड़ाई में गई 150 जानें, एक-दूसरे के लोग उठा ले जाने के बाद सीजफायर
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ये हिंसा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत के कुर्रम जनजातीय जिले में हुई है. खैबर पख्तूनख्वा में शिया-सुन्नी समुदाय के बीच हिंसा 21 नवंबर को शुरू हुई थी. यहां कुर्रम जिले में शिया समुदाय का काफिला गुजर रहा था, जिस पर घात लगाकर हमला किया गया.
पाकिस्तान में शिया-सुन्नी संप्रदाय के बीच लंबे समय से जारी हिंसा में अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले रविवार को ही हिंसा में 21 लोग मारे गए, जिसके बाद अब सीजफायर करने का फैसला लिया गया है. इस भीषण हिंसा के बाद दोनों संप्रदायों के बीच एक बैठक हुई. इसमें निर्णय हुआ कि शिया और सुन्नी संप्रदाय के लोग अगले 7 दिनों तक सीजफायर का पालन करेंगे.
ये हिंसा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत के कुर्रम जनजातीय जिले में हुई है. खैबर पख्तूनख्वा में शिया-सुन्नी समुदाय के बीच हिंसा 21 नवंबर को शुरू हुई थी. यहां कुर्रम जिले में शिया समुदाय का काफिला गुजर रहा था, जिस पर घात लगाकर हमला किया गया. इस हमले में 42 लोगों की मौत हुई. इसके बाद शिया समुदाय ने जवाबी हमला किया और हिंसा बढ़ती चल गई. दोनों समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मारे गए. हिंसा बढ़ती देख KPK सरकार ने एक हाई लेवल आयोग का गठन किया.
कैदियों की अदला-बदली करेंगे शिया-सुन्नी
KPK प्रांत की सरकार के प्रवक्ता बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने बताया कि समझौते के तहत दोनों समुदाय के बुजुर्गों ने फैसला किया कि मारे गए लोगों के शव एक दूसरे को लौटा दिए जाएं. बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि जिन लोगों को कैदी बनाया गया था, उन्हें भी लौटा दिया जाएगा.
दोनों समुदाय के नेताओं के बीच मीटिंग
सैफ ने बताया कि जनजातियों के बीच 7 दिनों के लिए युद्ध विराम पर सहमति बनी है. दोनों पक्ष कैदियों की अदला-बदली करने और मृतकों के शव लौटाने पर भी सहमत हैं. कैदियों में महिलाएं भी शामिल हैं. सैफ ने बताया कि सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को सुन्नी जनजाति के नेताओं से मिलने से पहले 23 नवंबर को शिया जनजाति के सदस्यों से मुलाकात की और युद्ध विराम समझौते के बाद पेशावर लौट आया.
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