शातिर लुटेरों ने की हत्या या अपने ने दी दगा? रिटायर्ड IAS की पत्नी मोहिनी दुबे का मर्डर बना मिस्ट्री
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फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाली मोहनी दुबे किसी के आने पर ही लोहे के चैनल का ताला खोलती थीं और उनकी तुरंत ताला लगाकर बंद करने की आदत थी. पुलिस को घर के गेट से लेकर फर्स्ट फ्लोर के चैनल गेट तक फोर्स एंट्री का कोई निशान नहीं मिला है.
लखनऊ में रिटायर्ड IAS अफसर की पत्नी की सुबह-सुबह लूटपाट कर हुई हत्या के मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. 24 घंटे की तहकीकात में कई सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं. लेकिन पुलिस अब तक ये नहीं समझ पा रही कि इस लूट और हत्या को अंजाम पेशेवर लुटेरों ने दिया है या किसी अपने ने ही विश्वासघात कर हत्या की और फिर गुमराह करने के लिए लूट का रूप दिया.
65 वर्षीय मोहिनी दुबे की हत्या की तफ्तीश में जुटी पुलिस के हाथ हत्यारों का सीसीटीवी फुटेज लगा है, इसमें उनके आने-जाने का वक्त और रूट का पता चल गया है, लेकिन अभी पुलिस ये नहीं समझ पा रही कि हत्याकांड में लूटपाट ही वजह थी या किसी अपने ने विश्वासघात कर मोहिनी दुबे की गला दबाकर हत्या की और फिर मर्डर के साथ लूटकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश है.
लखनऊ पुलिस के किसी अपने के वारदात में शामिल होने की आशंका की कई वजह हैं. बदमाशों को अच्छी तरह पता था कि सेवानिवृत्त आईएएस देवेंद्र दुबे सुबह करीब 7 बजे गोल्फ खेलने जाते हैं. 7 से 7:15 के बीच दूध वाला दूध देकर चला जाता है और घरेलू काम के लिए आने वाली नौकरानी 8 से 8.30 के बीच आ जाती है. शायद यही वजह थी कि जैसे ही दूध वाला दूध देकर घर से बाहर निकला, तभी नीली स्कूटी से आए 2 लड़के घर के अंदर घुसे. दोनों ने हेलमेट लगा रखा था, क्योंकि वह जानते थे कि कॉलोनी में सीसीटीवी है और घर के गेट और अंदर एंट्री के बाद भी सीसीटीवी लगे हुए हैं.
फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाली मोहिनी दुबे किसी के आने पर ही लोहे के चैनल का ताला खोलती थीं और उनकी तुरंत ताला लगाकर बंद करने की आदत थी. पुलिस को घर के गेट से लेकर फर्स्ट फ्लोर के चैनल गेट तक फोर्स एंट्री का कोई निशान नहीं मिला है. यानी जो भी आया उसे मोहिनी जानती थी, घर में घुसने के लिए बदमाशों को कोई मशक्कत शकत नहीं करनी पड़ी.
बदमाश सड़क से घर में घुसते वक्त तो सीसीटीवी से बचने के लिए चेहरे पर कपड़ा और हेलमेट लगाए थे, लेकिन घर के अंदर भी अपने सबूत मिटाना चाहते थे. यही वजह थी कि मोहिनी दुबे के जिस ज्वेलरी बैग को बदमाशों ने उठाया, उसे पास के ही पानी से भरे टब में डाल दिया ताकि उनके फिंगरप्रिंट ना मिलें. इतना ही नहीं, गला दबाकर हत्या के बाद मोहिनी दुबे के पूरे शरीर को पानी से पोंछा, ताकि उनके शरीर पर फिंगरप्रिंट ना रह जाएं. पुलिस की फॉरेंसिक टीम को बदमाशों के फिंगरप्रिंट लेने में खासी मशक्कत करनी पड़ी. हर जगह पर पानी से फिंगरप्रिंट को मिटाने की कोशिश की गई थी.
बता दें कि एक महीने पहले ही देवेंद्रनाथ दुबे ने मोहिनी दुबे के नाम पर खरीदे गए गोमती नगर के एलडीए की सोसाइटी में छठे फ्लोर के फ्लैट को 90 लाख रुपए में बेचा था, इस फ्लैट को बेचने के बाद देवेंद्रनाथ दुबे दूसरा फ्लैट गोमती नगर विस्तार की प्राइवेट सोसाइटी में खरीदने वाले थे. देवेंद्र दुबे उस सोसाइटी में फ्लैट को देख भी आए थे, 90 लाख का फ्लैट बिका है तो घर में कैश होने की आशंका भी इस वरदात की वजह हो सकती है, लेकिन यह जानकारी भी किसी अपने को रही होगी. हालांकि 90 लाख का यह पूरा ट्रांजेक्शन बैंक अकाउंट में हुआ. देवेंद्रनाथ दुबे ने पुलिस को बताया कि 90 लाख का पूरा ट्रांजेक्शन तो बैंक अकाउंट में हुआ था, घर में कैश रखने की कोई जरूरत नहीं थी. नीले रंग की स्कूटी से दोनों बदमाश वारदात के बाद जिस रूट से भागे हैं, पुलिस अब उस रूट के सीसीटीवी भी खंगाल रही है. स्कूटी पर नंबर प्लेट थी, लेकिन उस पर नंबर नहीं था. लिहाजा पुलिस अब नीले रंग की स्कूटी को भी तलाश रही है. फिलहाल हत्याकांड को अंजाम पेशेवर अपराधियों ने दिया या फिर किसी अपने ने दगा किया, यह हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही साफ होगा.
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