वैगनर फाइटर्स के लिए बेलारूस में बन रहा है किला... अब क्या करेंगे 8000 जवान
AajTak
सैटेलाइट तस्वीरों में इस बात का खुलासा हुआ है कि बेलारूस में बड़ी संख्या में टेंट जैसे सैन्य शिविर खड़े किए गए हैं. कहा जा रहा है कि इन शिविरों का इस्तेमाल येवगेनी प्रिगोझिन के वैगनर समूह के लड़ाकों को रखने के लिए किया जा सकता है.
रूस के खिलाफ बगावत करने के बाद अब वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन बेलारूस में रह रहे हैं. येवगेनी को लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं. इस बीच एसोसिएटेड प्रेस को कुछ ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें मिली हैं जिसमें बेलारूस में सैन्य शैली में तैयार किए गए नवनिर्मित कैंप दिख रहे हैं. बेलारूसी गुरिल्ला समूह और अधिकारियों के बयानों से पता चलता है कि इसका इस्तेमाल वैगनर ग्रुप के लड़ाकों को रखने के लिए किया जा सकता है.
सैटेलाइट तस्वीरें आई सामने
प्लैनेट लैब्स पीएलसी द्वारा जो तस्वीरें उपलब्ध कराई गई हैं उनमें दिख रहा है कि ओसिपोविची शहर के बाहर स्थित एक पुराने सैन्य अड्डे पर पिछले दो हफ्तों के भीतर दर्जनों टैंट लगाए गए थे. ये जगह यूक्रेनी सीमा से 230 किलोमीटर (142 मील) उत्तर में स्थित है. 15 जून को ली गई एक सैटेलाइट तस्वीर में सफेद और हरे रंग के किसी तरह का कोई टैंट नहीं दिखता है लेकिन 30 जून के बाद ली गई तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि यहां सफेद और हरे रंग रग के टेंट जैसे ढांचे खड़े हैं.
(ये फोटो 15 जून की है तब यहां कोई सैन्य शिविर या ढांचा नजर नहीं आ रहा है. Photo- AP)
तस्वीरों में इन इस बेस में हलचल देखी जा सकती है. दरअसल पुतिन के साथ समझौता होने के बाद वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन और उनके भाड़े के सैनिक कानूनी कार्रवाई का सामना करने से बच गए. बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको की मध्यस्थता के बाद हुए समझौते में तय हुआ था कि प्रिगोझिन को बेलारूस में शरण दी जाएगी जबकि वैगनर समूह के सैनिकों को रूसी सेना में शामिल होने का मौका दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.