रेल रिजर्वेशन 60 दिन करने के फैसले से पैसैंजर और सरकार में किसे फायदा-नुकसान? सारे सवालों के जवाब
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भारतीय रेलवे ने ट्रेन में एडवांस टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब सिर्फ 60 दिन (दो महीने) पहले ही आप रिजर्वेशन करवा सकेंगे. रेलवे का कहना है कि 4 महीने पहले बुक किए गए टिकट अक्सर रद्द हो जाते हैं. 2 महीने का अग्रिम आरक्षण रद्द ना होने की ज्यादा संभावना है.
रेलवे ने ट्रेन में रिजर्वेशन के नियमों में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. अब टिकट बुकिंग में एडवांस रिजर्वेशन पीरिएड की समय-सीमा 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दी गई. यानी अब 60 दिन से पहले टिकट की बुकिंग नहीं हो सकेगी. नया नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होगा. रेल रिजर्वेशन के नए नियम से पैसैंजर और सरकार में किसे फायदा-नुकसान होगा? कैंसिलेशन का रूल क्या है? जानिए सारे सवालों के जवाब...
रेलवे ने क्यों यह फैसला लिया?
रेलवे का कहना है कि ज्यादा कैंसिलेशन और सीटों की बर्बादी को देखते हुए यह फैसला लिया है. रेलवे ने कहा, 120 दिन का एडवांस रिजर्वेशन पीरिएड बहुत लंबा हो जाता था. इस अवधि में कराए गए करीब 21 फीसदी टिकट निरस्त करवाए जाते हैं. जबकि 4 से 5 फीसदी लोग यात्रा ही नहीं करते हैं. कई मामले ऐसे भी आए, जिनमें यात्रियों ने अपना टिकट कैंसिल ही नहीं करवाया, जिससे धोखाधड़ी की संभावना बनी रहती है और जरूरतमंद टिकट के लिए भटकते देखे गए. रेलवे के मुताबिक सिर्फ 13 फीसदी लोग ही चार महीने पहले ट्रेन का टिकट एडवांस में बुक करते थे. जबकि ज्यादातर टिकटों की बुकिंग यात्रा के 45 दिनों के अंदर होती थी.
नए नियम से किसे फायदा और नुकसान?
12 दिन बाद दिवाली है और उसके बाद छठ पूजा है. दोनों बड़े त्योहार हैं और ऐसे समय शहरों में नौकरीपेशा लोग अपने गांव और घर जाते हैं. भीड़ ज्यादा होती है. ट्रेन से लेकर एयर टिकट तक आसानी से नहीं मिलते हैं और आम लोगों को परेशान होते देखा जाता है. कालाबाजारी बढ़ जाती है. इससे रेलवे को भी नुकसान होता है और अवैध वसूली की शिकायतें आने लगती हैं. रेलवे का कहना है कि त्योहारों के समय ट्रेनों यात्रियों की ज्यादा भीड़ को देखते हुए नियम में संशोधन किया है. इससे कालाबाजारी और भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा.
रिजर्वेशन समय-सीमा में कटौती से रेलवे को सबसे ज्यादा सुविधा विशेष ट्रेनों को चलाने की योजना बनाने में होगी, क्योंकि कम कैंसिलेशन और यात्रियों की भीड़ को देखकर सही स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकेगा. इससे यात्रियों और रेलवे दोनों की परेशानी और चुनौतियां कम होंगी.
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