![रूस को OPEC+ से निकालने के सवाल पर भड़के Saudi Arabia और UAE, कार्रवाई से किया इनकार](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202203/saudi_minister-sixteen_nine.jpg)
रूस को OPEC+ से निकालने के सवाल पर भड़के Saudi Arabia और UAE, कार्रवाई से किया इनकार
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सऊदी और यूएई रूस के मसले पर अबतक निष्पक्ष रहे हैं. लेकिन अब रूस पर कार्रवाई के लिए उन पर दबाव बढ़ता जा रहा है. उनसे उम्मीद की जा रही है कि वो रूस को ओपेक प्लस संगठन से हटा दें. लेकिन इस सवाल पर यूएई और सऊदी अरब दोनों ने ही नाराजगी जताई है और कहा है कि ओपेक प्लस से राजनीति को दूर रखा जाए.
यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वो रूस के खिलाफ कार्रवाई करें. रूस तेल उत्पादक देशों ओपेक प्लस का सदस्य है. यूक्रेन संकट पर अब तक निष्पक्ष रहे सऊदी और यूएई पर दबाव है कि वो रूस को ओपेक प्लस से निष्कासित कर दें. इसी से जुड़ा एक सवाल जब दोनों देशों के मंत्रियों से एक कार्यक्रम में पूछा गया तो वे भड़क गए. सऊदी के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा कि इस तरह की बैठकों में राजनीति को बाहर दरवाजे पर छोड़कर आना चाहिए.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओपेक प्लस देशों के एक इवेंट के दौरान मॉडरेटर ने पूछा कि क्या ओपेक प्लस के देशों पर रूस को ओपेक प्लस से निष्कासित करने की नैतिक जिम्मेदारी नहीं है? जवाब में सऊदी और यूएई के ऊर्जा मंत्रियों ने कहा कि तेल उत्पादकों को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए.
सऊदी के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा, 'जब इस तरह की बैठकें होती हैं, हर कोई राजनीति को दरवाजे पर छोड़कर आता है. अगर हम ऐसा नहीं करते तो कई बार ऐसे मौके आते जब हम मुश्किल स्थिति से गुजरना पड़ता. यही बात एक वक्त पर इराक के साथ लागू हो सकती थी और ईरान के साथ भी.'
ओपेक प्लस देशों के सबसे बड़े तेल उत्पादक रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल देखा गया. अमेरिका और लगभग सभी पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जिस कारण रूसी तेल के निर्यात में भारी कमी आई है.
तेल की कमी और बढ़ती कीमतों को देखते हुए अमेरिका तेल के बड़े उत्पादकों यूएई और सऊदी अरब से तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कह रहा है. लेकिन दोनों ही देशों ने अमेरिका के अनुरोध को बार-बार ठुकराया है. ये बात भी गौर करने लायक है कि हाल के दिनों में दोनों खाड़ी देशों की करीबी रूस से बढ़ी है.
'ओपेक का राजनीतिकरण नहीं कर सकते'
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