![रूसी सेना के लौटने के बाद खेरसान में कैसे हैं हालात? लोग क्यों बोले- पानी-बिजली नहीं, फिर भी हम खुश](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202211/kherson-sixteen_nine.jpg)
रूसी सेना के लौटने के बाद खेरसान में कैसे हैं हालात? लोग क्यों बोले- पानी-बिजली नहीं, फिर भी हम खुश
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खेरसान में एक बार फिर से यूक्रेनी सेना का नियंत्रण हो गया है. पिछले हफ्ते रूसी सेना ने खेरसान से वापसी का ऐलान किया था. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का दावा है कि खेरसान से जाने से पहले रूसी सैनिकों ने इसे पूरी तरह तबाह कर दिया है. यहां न तो पानी है, न बिजली है और न ही इंटरनेट है.
आठ महीनों बाद यूक्रेन के खेरसान से रूसी सेना लौट गई है. अब फिर से वहां यूक्रेनी सैनिकों की वापसी होने लगी है. खेरसान में यूक्रेनी सैनिकों की वापसी पर वहां के लोग खुश हैं. फूल बरसाकर उनका स्वागत किया जा रहा है.
खेरसान के स्थानीय निवासी खिरिस्तिना मत्सियूता ने न्यूज एजेंसी से कहा है कि 'शहर में जिंदगी फिर से आ गई है. ऐसा लग रहा था कि हम जिंदा लाश की तरह यहां रह रहे थे. लेकिन हमारे सैनिकों के वापस आने के बाद, शहर में हर तरफ खुशी है.'
इस साल 24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. उन्होंने इसे 'सैन्य अभियान' बताया था. जंग की शुरुआत से खेरसान अहम इलाका रहा था. मार्च में रूसी सैनिकों ने यहां कब्जा कर लिया था. लेकिन अब रूसी सैनिकों की वापसी के बाद शहर खुश है.
खेरसान यूक्रेन के दक्षिणी इलाके में पड़ता है. रणनीतिक लिहाज से ये इलाका काफी अहम माना जाता है. ये वही इलाका है जिसेस क्रीमिया का रास्ता गुजरता है. क्रिमिया पर 2014 से रूस का कब्जा है. इस साल सितंबर में पुतिन ने खेरसान में जनमत संग्रह करवाया था और दावा किया था कि यहां 87 फीसदी रूस के साथ मिलना चाहती है. लेकिन दो महीने बाद ही खेरसान से वापसी ने रूस को तगड़ा झटका दिया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने रूसी सेना पर खेरसान में 'वॉर क्राइम' का आरोप लगाया है. जेलेंस्की ने दावा किया कि रूस ने खेरसान में 400 से ज्यादा वॉर क्राइम किए हैं. उन्होंने आरोप लगाते लगाते हुए कहा कि रूसी सैनिकों ने खेरसान पर खूब अत्याचार किए हैं. हमने अब तक वॉर क्राइम के 400 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं, क्योंकि सैनिकों और आम नागरिकों के शव मिल रहे हैं. जेलेंस्की ने दावा किया कि 226 बस्तियों-गांवों में एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.
खेरसान में न बिजली, न पानी
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