राजस्थान का ये 13 साल लड़का है ‘जुगाड़ इंजीनियर’, खेल-खेल में बना देता है इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स
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13 साल का धीरज भले ही अभी आठवीं कक्षा में पढ़ता हो लेकिन के कारनामे किसी बड़े इंजीनियर को फेल करने वाले हैं. छोटी उम्र में ही इंजीनियरिंग के कई नायाब नमूने उन्होंने तैयार कर लिए हैं.
कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं. कुछ ऐसा ही नज़र आता है जयपुर के जमवारामगढ़ तहसील के एक छोटे से गांव खावारानीजी में रहने वाले धीरज कुमार में. धीरज भले ही अभी आठवीं क्लास में पढ़ रहा हो, पर उसकी ‘जुगाड़’ इंजीनीयरिंग इन दिनों हर किसी को हैरत में डाल रही है.
गुजरात राज्य कर्मचारी महामंडल का यह भी कहना है कि सरकार का यह फैसला बिना तार्किक आधार के और पब्लिक के पैसों का व्यय करने जैसा है. कर्मचारियों को अलग-अलग विभागों में जाना पड़ता है और इस सिस्टम के लागू होने से कर्मचारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से फील्ड कर्मचारियों को. इसलिए, महामंडल ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को लागू करने के बजाय मौजूदा अटेंडेंस सिस्टम को जारी रखा जाए.
अपने बेटे के लिए मां कुछ भी कर सकती है. वह न सिर्फ उसकी मुश्किलों का हल निकालती है, बल्कि ऐसा जुगाड़ भी तलाश ही लेती है, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. जब बेटे को गरमा-गरम पराठा खाने का शौक हो, तो मां उसका भी तरीका निकाल लेती है. कनाडा की कड़ाके की ठंड हो, तापमान -22 डिग्री हो लेकिन मां के जुगाड़ के आगे कोई भी मौसम नहीं टिक सकता!
वात्सल्य ग्राम की संस्थापक दीदी मां साध्वी ऋतंभरा को समाजसेवा के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. साध्वी ऋतंभरा को राम मंदिर आंदोलन के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने साल 2001 में वृंदावन में वात्सल्य ग्राम की स्थापना की थी, जिसमें अनाथ बच्चों का पालन-पोषण किया जाता है. देखें पद्म भूषण मिलने पर साध्वी ऋतंभरा ने क्या कहा.
UGC NET answer key 2024 Released: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने यूजीसी नेट 2024 की उत्तर कुंजी जारी कर दी है. उम्मीदवार एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आंसर-की देख और डाउनलोड कर सकते हैं. प्रोविजनल आंसर-की के साथ क्वेश्चन पेपर और रिकॉर्डेड रिस्पांस शीट भी उपलब्ध है. अब उम्मीदवार अपने संभावित मार्क्स कैलकुलेट कर सकते हैं.