सरकारी कर्मचारियों की ऑनलाइन अटेंडेंस पर फिर मचा बवाल, UP टीचर्स ने भी किया था विरोध
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गुजरात राज्य कर्मचारी महामंडल का यह भी कहना है कि सरकार का यह फैसला बिना तार्किक आधार के और पब्लिक के पैसों का व्यय करने जैसा है. कर्मचारियों को अलग-अलग विभागों में जाना पड़ता है और इस सिस्टम के लागू होने से कर्मचारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से फील्ड कर्मचारियों को. इसलिए, महामंडल ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को लागू करने के बजाय मौजूदा अटेंडेंस सिस्टम को जारी रखा जाए.
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस लागू होने के बाद अब गुजरात सरकार ने भी अटेंडेंस को डिजिटल बनाने का फैसला लिया है. गुजरात सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति (अटेंडेंस) को डिजिटल बनाने के लिए एक नई मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च करने का निर्णय लिया है.
इसके तहत, 1 फरवरी से सचिवालय संकुल के सभी विभागों, कर्मयोगी भवन, उद्योग भवन और गांधीनगर स्थित कलेक्टर और डीडीओ ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जाएगा. इस सिस्टम के तहत कर्मचारी अपनी उपस्थिति को मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज करेंगे. हालांकि, इस फैसले के बाद गुजरात राज्य कर्मचारी महामंडल ने इस डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम का विरोध शुरू कर दिया है.
गुजरात राज्य कर्मचारी महामंडल ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को एक पत्र भेजकर कहा है कि, "अटेंडेंस सिस्टम को डिजिटल करने के आदेश जारी करने से पहले कर्मचारियों के मंडल या महामंडल को विश्वास में लिए बिना एकतरफा निर्णय लिया गया है." महामंडल ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि सचिवालय संकुल, कर्मयोगी भवन, उद्योग भवन और गांधीनगर स्थित कलेक्टर और डीडीओ ऑफिस में कार्यरत कर्मचारियों के लिए मौजूदा अटेंडेंस सिस्टम को जारी रखा जाए.
डिजिटल अटेंडेंस से खत्म होगी कर्मचारियों की प्राइवेसी
गुजरात राज्य कर्मचारी महामंडल के महामंत्री भरत चौधरी ने कहा कि, "डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम का उपयोग कर्मचारियों की पर्सनल लोकेशन और कैमरा एक्सेस की मंजूरी के लिए किया जाएगा, जो कर्मचारियों की गोपनीयता का उल्लंघन है." उन्होंने यह भी कहा कि कई कर्मचारी निर्धारित समय के बाद भी ऑफिस में काम करते हैं और ऐसे कर्मचारियों के लिए यह निर्णय उनके मनोबल को कमजोर करने जैसा होगा. इसके अलावा, कर्मचारियों के पर्सनल मोबाइल का उपयोग किए जाने से असुविधा हो सकती है, जो नियमों के खिलाफ भी है.
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