यौन उत्पीड़न केस के लिए ‘त्वचा से त्वचा का सीधा संपर्क जरूरी नहीं’, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
Zee News
न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के ‘त्वचा से त्वचा का संपर्क होने’ संबंधी आदेश को खारिज किया है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यदि आरोपी और पीड़िता के बीच ‘त्वचा से त्वचा का सीधा संपर्क नहीं हुआ’ है, तो पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कानून के तहत यौन उत्पीड़न का कोई अपराध नहीं बनता है.
क्या कहा पीठ ने न्यायमूर्ति यू यू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न का सबसे महत्वपूर्ण घटक इसका इरादा होना है, न कि बच्ची के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क होना. न्यायमूर्ति रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी भी इस पीठ में शामिल थीं.
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