यूपी: तीन महीने बाद भी बीजेपी-कांग्रेस नहीं तलाश पाई अपना अध्यक्ष
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उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अजय कुमार लल्लू का इस्तीफा हुए तीन महीने से ज्यादा का समय गुजर चुका है, लेकिन अभी तक उनकी जगह नए चेहरे को पार्टी तलाश नहीं कर सकी. वहीं, योगी कैबिनेट में स्वतंत्र देव सिंह के शामिल होने के बाद बीजेपी भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए नए चेहरे की तलाश में है, लेकिन जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के चलते अभी तक नाम तय नहीं कर सकी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां प्रदेश अध्यक्ष को लेकर ऊहापोह में है. कांग्रेस अभी तक अजय कुमार लल्लू की जगह नया प्रदेश अध्यक्ष नहीं बना सकी. वहीं, चुनाव नतीजे के बाद योगी कैबिनेट 2.0 में स्वतंत्र देव सिंह के शामिल होने के बाद बीजेपी उनका विकल्प तलाश नहीं सकी. ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां नये अध्यक्ष के चयन में क्यों देर कर रही हैं?
अजय लल्लू का विकल्प कौन बनेगा?
यूपी चुनाव नतीजे के बाद ही अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनके साथ इस्तीफा देने वाले पंजाब और उत्तराखंड में नए अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए हैं. अजय लल्लू के इस्तीफा देने के तीन महीने के बाद भी कांग्रेस नया अध्यक्ष तलाश नहीं कर सकी है. पिछले तीन दशकों से हार का मुंह देख रही कांग्रेस के सामने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मजबूत और भरोसेमंद चेहरे की तलाश है, लेकिन कांग्रेस जाति और क्षेत्रीय समीकरणों में उलझी हुई है. इस वजह से वे प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में देर हो रही है.
महासचिव प्रियंका गांधी ने अब तक उत्तर प्रदेश में कई प्रयोग किए हैं, लेकिन वे सफल नहीं रहे. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी है जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में उसके पास सात विधायक थे. 2019 संसदीय चुनाव में कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी, जबकि 2014 में उसके दो सांसद थे. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपने गढ़ अमेठी में ही हार गई है. कांग्रेस को यूपी में इस बार महज 2 फीसदी वोट मिल सके हैं, जो पार्टी के अब तक इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन रहा.
कांग्रेस पीसीसी के लिए लंबी फेहरिश्त
कांग्रेस की वापसी का सारा दारोमदार उत्तर प्रदेश पर ही टिका हुआ है, लेकिन प्रियंका गांधी से करिश्मे की उम्मीद लगाए बैठी कांग्रेस को 2022 में बड़ा झटका लगा. ऐसे में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कौन सा करिश्माई चेहरा तलाशे, जो सियासी संजीवनी दे सके. पीएल पुनिया से लेकर जनार्दन द्विवेदी, आचार्य प्रमोद कृष्णम, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, विधायक वीरेंद्र चौधरी, नदीम जावेद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री का नाम चर्चा में है. इसके अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है, जिन्हें सूबे के अलग-अलग जोन की जिम्मेदारी दी जाएगी. फिलहाल कांग्रेस ब्राह्मण और मुस्लिम समीकरण पर फोकस कर रही है, लेकिन भरोसेमंद चेहरा नहीं मिल सका.
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