मुंबई को जाम से निजात दिलाने का 'ब्रह्मास्त्र' मिल गया?: दिन भर, 12 जनवरी
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ट्रैफिक से जूझती मुंबई के लिए क्या राहत लेकर आएगा अटल सेतु, क्यों इस पुल को बनने में इतने साल लग गए,कर्नाटक में बीजेपी अपने मौजूदा सांसदों के टिकट क्यों काट सकती है,जम्मू कश्मीर के पुंछ और रजौरी में क्यों बढ़ गई हैं आतंकी घटनाएं,यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों का असर क्या होगा? सुनिए ‘दिन भर’ में.
मुम्बई से नवी मुंबई को जोड़ता एक पुल बनाने का प्रस्ताव 1963 में एक अमेरिकी कम्पनी ने दिया था. तबसे 51 साल बीत गए. मुम्बई के आम लोग इस रूट से आते जाते रहे, कभी लोकल में धक्के खा कर, कभी धूप धूल में ट्रैफिक जाम झेलकर. आज उनकी इस समस्या को हल मिला. इस पुल का उद्घाटन हो गया. नाम रखा गया है अटल सेतु.
नक्शा देखने पर पता चलता है कि इस पुल के बनने से मुम्बई से नवी मुंबई की दूरी 16 किलोमीटर घटी है. और अनुमान लगाएं तो ये पुल लोगों का लगभग 45 मिनट भी बचाएगा. मुम्बई के लोगों के लिए क्यों जरूरी था ये पुल और कितनी बड़ी आसानी बनेगा अब? क्या वजहें रहीं जो इसके निर्माण तक पहुंचने में 51 साल लगे? सुनिए ‘दिनभर’ की पहली ख़बर में.
पिछले साल कर्नाटक में जब विधानसभा चुनाव हुए थे, बीजेपी ने अपने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे थे. हालांकि चुनाव के नतीजे बीजेपी के अनुरूप नहीं रहे और कांग्रेस सत्ता में आई. लेकिन ये फॉर्मूला जरूर बीजेपी कई राज्यों में अपना चुकी है और सफल भी रही है. अब कहा जा रहा है कि पार्टी इस बार के लोकसभा चुनावों में कई सांसदों का टिकट काटेगी और नए उम्मीदवार उतारेगी. हाल ही में बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा के बेटे के विजयेंद्र को वहाँ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. जिसका कई नेताओं ने विरोध भी किया. इस विरोध के बावजूद नई लीडरशिप के साथ चुनावों में भी बीजेपी नए प्रयोग के मूड मे है. सवाल ये है कि अगर बीजेपी की यही रणनीति होने जा रही है तो इसके पीछे के फैक्टर्स क्या होंगे, सांसद स्तर के नेताओं के टिकट क्यों कटेंगे? सुनिए ‘दिनभर’ की दूसरी ख़बर में.
जम्मू कश्मीर राज्य में कश्मीर के लोग दशकों से आतंकी घटनाओं से पीड़ित हैं ये कोई नई बात नहीं. लेकिन नई बात ये है कि आतंक पीड़ित ज़िलों में दो नाम हाल के कुछ सालों में जुड़े हैं वो हैं पुंछ और राजौरी. हाल में हुए हमले, मौते और सेना की कार्रवाई कुछ इसी ओर इशारा करते हैं.इस बात को और बल मिला जब इस पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय का बयान आया.
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पीर पंजाल रेंज में बढ़ता आतंकवाद और आतंकी घटनाएं चिंता का विषय है. आर्मी इसको लेकर काम भी कर रही है लेकिन आम आदमी को भी थोड़ा सजग रहना होगा. बीते कुछ सालों में आतंकी घटनाओं के आंकड़े भी क्या कहते हैं, इसकी बढ़ोतरी के क्या है कारण, आतंकियों को रोकने के लिए सेना की तरफ से क्या स्टेप्स लिए गए हैं? सुनिए ‘दिन भर’ की तीसरी ख़बर में.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.