भारत विभाजन के समय पाकिस्तान से भागकर आए थे मिल्खा सिंह, मार दिए गए थे मां-बाप और भाई-बहन
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पाकिस्तान में जन्मे मिल्खा सिंह का परिवार भी भारत विभाजन की त्रासदी का शिकार हुआ था, उस दौरान उनके माता-पिता के साथ-साथ आठ भाई-बहन भी मार दिए गए थे. केवल चार लोग ही उनमें से बचकर भारत आ पाए थे. आगे चलकर मिल्खा विश्व के महान धावकों में से एक बने, जिन्हें अब फ्लाइंग सिख के नाम से भी जाना जाता है.
देश ने आज एक महान खिलाड़ी को खो दिया. 91 साल की उम्र में मिल्खा सिंह ने चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ले ली है. वे कोरोना निगेटिव आ गए थे, मगर पोस्ट कोविड दिक्कतों की वजह से वे PGI अस्पताल में दोबारा भर्ती हुए थे जहां उनका निधन हो गया. मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर, 1929 के दिन पाकिस्तान की धरती पर हुआ था. उनका गांव अविभाजित भारत के मुजफ्फरगढ़ जिले में पड़ता था जो अब पश्चिमी पाकिस्तान में पड़ता है. उनके गांव का नाम गोविंदपुरा था. वे राजपूत राठोर परिवार में जन्मे थे. उनके कुल 12 भाई-बहन थे, लेकिन उनका परिवार विभाजन की त्रासदी का शिकार हो गया, उस दौरान उनके माता-पिता के साथ आठ भाई-बहन भी मारे गए. परिवार के केवल चार लोग ही जिंदा बचे थे जिनमें से एक आगे चलकर विश्व के महान धावकों में से एक बने, जिन्हें अब फ्लाइंग सिख के नाम से भी जाना जाता है.Prayagraj Mahakumbh: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने IIT इंजीनियर से बाबा बने अभय सिंह, हर्षा रिछारिया और मोनालिसा जैसे चेहरों पर पूरे महाकुंभ की सुर्ख़ियों को हाईजैक करने का आरोप लगाया है. महंत पुरी ने कहा कि इस महाकुंभ में हजारों ऐसे साधु-संत या ऐसे महामंडलेश्वर आए हैं, जो इन लोगों से कहीं ज्यादा पढ़े-लिखे हैं.
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