
बॉर्डर से गदर 2 तक ...साबित हो गया कि सनी देओल से बड़ा एंटी-पाकिस्तान हीरो कोई नहीं!
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'गदर 2' बॉलीवुड की सबसे कमाऊ फिल्मों में से एक बन चुकी है. फिल्म के हीरो सनी देओल पिछले कुछ समय में कमबैक की कई कोशिशें कर चुके हैं फिर भी बड़ी कामयाबी हाथ नहीं लगी. तो फिर 'गदर 2' में ऐसा क्या था जिसने बड़ी स्क्रीन पर इतना बड़ा धमाका किया? इस सवाल का जवाब शायद बड़े पर्दे पर सनी की इमेज में छिपा है.
सनी देओल की 'गदर 2' सिर्फ हिट नहीं हुई है, ब्लॉकबस्टर हो चुकी है. बल्कि सही मायनों में तो ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर हो चुकी है यानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक. जब ये सीक्वल अनाउंस हुआ था, तभी से इतना तय था कि इसे थिएटर में ऑडियंस तो अच्छी-खासी मिलने वाली है. लेकिन इसे देखने ऐसी भीड़ जुटेगी कि 10 दिन में ये बॉलीवुड की दूसरी सबसे बड़ी फिल्म बन जाएगी, ये सोच पाना थोड़ा सा मुश्किल था. लेकिन 'गदर 2' को जनता का ऐसा प्यार मिला कि अब जल्द ही ये बॉक्स ऑफिस पर 400 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली है.
ध्यान देने वाली बात ये है कि 'गदर 2' को रिव्यू बहुत अच्छे नहीं मिले. फिल्म में कुछ बहुत यूनीक नहीं था और फिल्म सबसे ज्यादा जिस चीज पर डिपेंड थी, वो था नॉस्टैल्जिया. यानी 2001 में आई 'गदर' का कनेक्शन. लेकिन सिर्फ इसी के भरोसे 'गदर 2' इतनी बड़ी फिल्म बन चुकी है कि ये हर दिन नए बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ रही है.
इस तरह की धुआंधार कामयाबी के बाद एक जनरल सवाल तो सभी कर रहे हैं- गदर 2 की इस विस्फोटक कामयाबी का राज क्या है? इस सवाल के जवाब में कोई एक जवाब सोच पाना भी लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है. मगर 'गदर 2' की कामयाबी में सबसे बड़ा कारण शायद कुछ और है. 'गदर 2' उस हीरो की बड़े पर्दे पर वापसी है, जो पाकिस्तान को घर में घुसकर सबक सिखाने के मामले में एक आइकॉन है.
पाकिस्तान की बैंड बजाने वाली फिल्में और किरदार वक्त के साथ बदलने दौर में पाकिस्तान अब सिर्फ हमारा पड़ोसी मुल्क ही नहीं है, बल्कि बड़े पर्दे पर देशभक्ति का माहौल क्रिएट करने वाला सबसे बड़ा टूल भी है. पिछले एक दशक में आई बॉलीवुड फिल्मों में से अगर पाकिस्तान को निकाल दिया जाए तो शायद ही ऐसी कहानियां बचेंगी जिनसे देशभक्ति वाला फील आएगा. अगर फिल्म का लीड किरदार पाकिस्तान को हारने वाला काम कर दे तो थिएटर का माहौल ही बदल जाता है.
'एक था टाइगर' (2012) में सलमान खान ने एक सीक्रेट कोड को पाकिस्तान तक पहुंचने से रोकने का काम किया था. हालांकि, इस चक्कर में उन्हें खुद पाकिस्तानी जासूस बनीं कटरीना कैफ से इश्क हो गया. लेकिन फिर इंडियन हीरो का, पाकिस्तान से आई हिरोइन को भगा ले जाना तो वैसे भी बड़ी स्क्रीन पर जनता को एक अलग थ्रिल देता आया है. सलमान के टाइगर से पहले, सैफ अली खान के 'एजेंट विनोद' ने भी पाकिस्तान को सबक सिखाया था. विनोद ने तो पाकिस्तान में एंट्री मार के जासूसी का खेल खेला था.
आने वाले सालों में कभी हमने 'द अटैक्स ऑफ 26/11' में पाकिस्तानी आतंकियों की नापाक साजिश देखी, तो कभी 'बेबी' में अक्षय कुमार पाकिस्तानी आतंकी को उठाकर इंडिया लाते देखे गए. 'राजी' में आलिया भट्ट एक पाकिस्तानी हाई-प्रोफाइल आर्मी ऑफिसर की बहू बनकर जासूसी करती नजर आईं, तो 'उरी' में विक्की कौशल 'घर में घुसकर मारेगा' मोड से ऑडियंस को थ्रिल दिया. मतलब, इंडिया में बड़े पर्दे पर पाकिस्तान को सबक दिखा देने वाला फ़ॉर्मूला वैसे भी जनता को शानदार थिएट्रिकल एक्सपीरियंस देता है.

अविनाश दास के डायरेक्शन में बनीं फिल्म इन गलियों में एक रोमांटिक ड्रामा है. जिसमें प्रेम-समाज और सोशल मीडिया के प्रभाव पर बात की गई है. फिल्म में एक्टर जावेद जाफरी, विवान शाह, अवंतिका दासानी ने लीड रोल प्ले किया है. 14 मार्च को रिलीज हो रही इस फिल्म ने समाज को सशक्त बनाने के लिए शानदार संदेश दिया है. फिल्म का निर्माण विनोद यादव, नीरू यादव ने किया है. इन गलियों में जावेद जाफरी मिर्जा साहब के रोल में समाज को सुधारने उतरे हैं. ये कहानी जरूर देखें लेकिन क्यों ये जानने के लिए जरूर देखें खास बातचीत.

बॉलीवुड से लेकर टीवी और यहां तक की पाकिस्तानी सिनेमा में भी 11 मार्च, मंगलवार के दिन हलचल मची रही. 'अपोलीना' शो की एक्ट्रेस अदिति शर्मा अपनी तलाक की खबरों को लेकर चर्चा में रहीं. वहीं पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक की तीसरी पत्नी सना जावेद के प्रेग्नेंट होने की खबरें सामने आईं. फिल्म रैप में पढ़ें बड़ी खबरें.