बैंकिंग संकट: एक बैंक बिका, दूसरा बिकने की कगार पर, आखिर कैसे बिगड़े हालात?
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अमेरिका और यूरोप के बैंक वित्तीय संकट में फंसे हैं. अब खबर आ रही है कि अमेरिका सिलिकॉन वैली बैंक बिक सकता है. वहीं, क्रेडिट सुइस बैंक के अधिग्रहण का ऐलान हो चुका है. ग्लोबल आर्थिक मार्केट में भरोसा बढ़ाने के लिए इस कदम को अहम माना जा रहा.
वित्तीय संकट से जूझ रहे स्विट्जरलैंड के बैंक क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) का अधिग्रहण यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (USB) करेगा. बैंक को संकट से निकालने की प्रक्रिया के तहत ये डील हुई है. इस डील की रकम तीन बिलियन स्विस फ़्रैंक (3.23 बिलियन डॉलर) बताई जा रही है. इसके अलावा USB क्रेडिट सुइस के 5.4 अरब डॉलर के घाटे को भी स्वीकार करने के लिए तैयार हो गया है. हालिया बैंकिंग संकट के दौरान ग्लोबल इकोनॉमी मार्केट में भरोसा बढ़ाने के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है.
शेयरों पर बेस्ड है डील
क्रेडिट सुइस बैंक के अधिग्रहण की डील पूरी तरह इसके शेयरों पर अधारित है. इसके तहत क्रेडिट सुइस बैंक के शेयरधारकों को 22.48 शेयर के बदले UBS का एक शेयर मिलेगा. इसके अलावा स्विट्जरलैंड का सेंट्रल बैंक क्रेडिट सुइस को 108 अरब डॉलर की वित्तीय मदद भी मुहैया कराएगा. दूसरी तरफ दिवालिया हो चुका अमेरिका का सिलिकॉन वैली बैंक भी बिक सकता है. फर्स्ट सिटिजंस बैंकशेयर इंडस्ट्रीज, सिलिकॉन वैली बैंक के अधिग्रहण पर विचार कर रहा है. अमेरिका और यूरोप के बैंकिंग संकट ने ग्लोबल फाइनेंसियल मार्केट को झकझोर दिया था.
स्विस सेंट्रल बैक ने दिया लोन
क्रेडिट सुइस बैंक के सामने उस वक्त वित्तीय संकट सामने खड़ा हो गया, जब ग्रुप के सबसे बड़े निवेशक सऊदी नेशनल बैंक के चेयरमैन ने कहा कि वो क्रेडिट सुइस और निवेश नहीं करेंगे. इस घोषणा के बाद यूरोपीय बाजार में बैकिंग शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली शुरू हो गई. हालांकि, स्थिति को संभालने के लिए स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने क्रेडिट सुइस को 54 अरब डॉलर का कर्ज दिया था.
क्यों डूबा सिलिकॉन वैली बैंक?
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