बिहार के 11 नाबालिग जम्मू-कश्मीर में बनाए गए बंधक! रिहा कराने के लिए तैयार हुआ ये प्लान
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अधिकारियों के अनुसार मूल रूप से झारखंड का रहने वाला ठेकेदार नौकरी देने के बहाने शेखपुरा से 11 नाबालिगों को दिल्ली ले गया था. शेखपुरा डीएम भी कश्मीर में पुलवामा डीएम के साथ संपर्क में है ताकि नाबालिग बच्चों को सुरक्षित बचाया जा सके.
बिहार सरकार ने राज्य के 11 नाबालिग बच्चों को बचाने और वापस लाने के लिए अधिकारियों की टीम गठित की है. जिन्हें कथित तौर पर जम्मू और कश्मीर में पुलवामा में बंधक बनाकर रखा गया है. सभी 11 नाबालिग बच्चे बिहार के शेखपुरा जिले के पनापुर गांव के रहने वाले हैं. जानकारी के अनुसार, सभी 11 नाबालिगों को पहले एक ठेकेदार द्वारा उन्हें नौकरी देने के बहाने दिल्ली ले जाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जम्मू-कश्मीर ले जाया गया, जहां उन्हें कथित तौर पर ठेकेदार द्वारा बंधक बना लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक ठेकेदार ने कथित तौर पर नाबालिगों के परिवार के सदस्यों से ₹1 लाख रुपए फिरौती की मांग की है. श्रम संसाधन विभाग के मंत्री सुरेंद्र राम ने भी इस मामले का संज्ञान लिया और शेखपुरा डीएम को इस मामले को देखने और कश्मीर के सभी 11 नाबालिगों के बचाव को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
मंत्री सुरेंद्र राम ने बताया कि बहुत जल्द टीम के अधिकारी ठेकेदार द्वारा बंधक बनाए गए सभी 11 नाबालिगों को वापस लाने के लिए जम्मू और कश्मीर जाएंगे. इस बीच, 11 किशोरों के पीड़ित परिवार के सदस्यों ने शेखपुरा डीएम और एसपी से मुलाकात की और अपने बच्चों को वापस लाने के लिए उन्हें एक ज्ञापन सौंपा.
अधिकारियों के अनुसार मूल रूप से झारखंड का रहने वाला ठेकेदार नौकरी देने के बहाने शेखपुरा से 11 नाबालिगों को दिल्ली ले गया था. शेखपुरा डीएम भी कश्मीर में पुलवामा डीएम के साथ संपर्क में है ताकि नाबालिग बच्चों को सुरक्षित बचाया जा सके.
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गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.