बिहार के नेताओं की पहली पसंद 'रेल मंत्रालय'... गृह, वित्त या रक्षा क्यों नहीं?
Zee News
Bihar Demands Railway Ministry: आजादी के बाद से बिहार के हिस्से 9 बार रेल मंत्रालय आया है. नीतीश कुमार 2001 और 2004, यानी दो बार देश के रेल मंत्री रहे. अब एक बार फिर उनकी पार्टी की सांसद ने रेल मंत्रायल की मांग कर दी है. आखिर, रेल मंत्रालय ही बिहार के नेताओं की पहली पसंद क्यों है?
नई दिल्ली: Bihar Demands Railway Ministry: NDA गठबंधन ने नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुन लिया है. आगामी 9 जून को मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इसी बीच कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये खबरें सामने आई हैं कि JDU चीफ नीतीश कुमार और LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने रेल मंत्रालय की मांग की है. नीतीश के करीबी और JDU सांसद लवली आनंद के पति आनंद मोहन ने रेल मंत्रालय की मांग की है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि हम रेल मंत्रालय की मांग करते हैं. रेल मंत्रालय लगातार बिहार के हिस्से रहा है. एलएन मिश्रा, रामविलास पासवान और नीतीश कुमार के जमाने के अधूरे कार्यों को पूरा करना है तो पिछड़े बिहार को रेल मंत्रालय चाहिए. इसके बाद सांसद लवली आनंद ने भी रेल मंत्रालय की मांग को दोहराया. बिहार के हिस्से 9 बार आया रेल मंत्रालय यह पहली बार नहीं है जब बिहार के नेताओं ने रेल मंत्रालय की मांग की है. इससे पहले भी बिहार के हिस्से 9 बार रेल मंत्रालय आया है. दो बार तो खुद नीतीश कुमार रेल मंत्री रहे हैं. आइए, जानते हैं कि बिहार के कौन-कौन से नेता कब-कब रेल मंत्री बने? 1. 1962 में जगजीवन राम 2. 1969 में रामसुभग सिंह 3. 1973 में ललित नारायण मिश्र 4. 1982 में केदार पांडेय 5. 1989 में जॉर्ज फर्नांडीस 6. 1996 में रामविलास पासवान 7. 1998 में नीतीश कुमार 8. 2001 में नीतीश कुमार (दूसरी बार) 9. 2004 में लालू प्रसाद यादव