बाइक की डिग्गी में बेटे का शव रखकर DM से मिलने पहुंचा पिता, भर आईं लोगों की आंखें
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बच्चे को खोने के गम और कर्मचारियों के अमानवीय व्यवहार से आहत होकर पीड़ित पिता मंगलवार को कलेक्टर ऑफिस पहुंचा. जैसे ही उसने मोटरसाइकिल में लगे बैग से बच्चे के शव को निकाला, वहां हड़कंप मच गया. अधिकारियों, कर्मचारियों और मौजूद लोगों के होश उड़ गए. सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों और कर्मचारियों का अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां मंगलवार को एक शख्स अपने नवजात बच्चे के शव का मोटरसाइकिल में लगे डिग्गी में रखकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचा. बैग में शव देख लोगों के होश उड़ गए. इसके बाद उस शख्स ने आपबीती सुनाई तो लोगों की आंखें भर आईं. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रहने वाले दिनेश भारती ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी थी. इसके लिए वह सिंगरौली जिला अस्पताल गया था. वहां के एक डॉक्टर ने प्रसव से पहले उसकी पत्नी को कुछ जांचों के लिए एक क्लीनिक में भेज दिया. यहां उसकी जांचें की गईं, जिसके लिए 5 हजार रुपये लिए गए.
नहीं मिली एंबुलेंस, किसी ने मदद भी नहीं की जांच कराने के बाद वह पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा, जहां सोमवार को उसकी पत्नी ने मृत बच्चे को जन्म दिया. भारती का आरोप है कि उन्होंने पत्नी और मृत बच्चे को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी. लेकिन अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी मदद नहीं की.
बैग से निकाला बच्चे का शव तो होश उड़ गए
बच्चे को खोने के गम और कर्मचारियों के अमानवीय व्यवहार से आहत होकर पीड़ित पिता मंगलवार को कलेक्टर ऑफिस पहुंचा. जैसे ही उसने मोटरसाइकिल में लगे बैग से बच्चे के शव को निकाला, वहां हड़कंप मच गया. अधिकारियों, कर्मचारियों और मौजूद लोगों के होश उड़ गए.
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी इस घटना को लेकर सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने कहा, "एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर आरोपों की जांच होगी. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
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