'बस एक ऑलिव दे दो...',सजा-ए-मौत से पहले कैदी ने मांगा था ये खाना, वजह कर देगी हैरान
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साल 1968 में 28 की उम्र में हत्या के दोषी Victor Harry Feguer को मौत की सजा दी गई तो उनका आखिरी भोजन चर्चा का विषय बन गया. . फ़ेगुएर ने अपने आखिरी भोजन के लिए एक ऑलिव यानी जैतून मांगा था जिसके भीतर गठली हो. इसका कारण काफी हैरान करने वाला है.
दुनियाभर की जेलों में जब भी किसी बंदी को सजा-ए- मौत दी जाती है तो उसकी आखिरी इच्छा पूछी जाती है. कई लोग किसी अपने से मिलना चाहते हैं तो कुछ अजीबोगरीब ख्वाहिशें रखते हैं. हालांकि हर इच्छा पूरी नहीं की जाती है लेकिन आखिरी भोजन जरूर कैदी को उसकी पसंद का दिया जाता है. कोई घर का खाना मांगता है तो कोई अपना क्षेत्रीय भोजन आखिरी बार चखना चाहता है. लेकिन साल 1968 में 28 की उम्र में Victor Harry Feguer को मौत की सजा दी गई तो उनका आखिरी भोजन चर्चा का विषय बन गया.
Victor Harry Feguer को एक डॉक्टर की हत्या के लिए मौत की सजा हुई थी. फ़ेगुएर ने अपने आखिरी भोजन के लिए एक ऑलिव यानी जैतून मांगा था जिसके भीतर गठली हो. कैदी के भोजन की तस्वीर खींचने वाले हेनरी हरग्रीव्स ने कहा, "यह एक अलग ही तस्वीर थी. हम आखिरी भोजन के बारे में सोचते हैं कि कोई भर पेट खाना चाहेगा लेकिन उसने सिर्फ एक ऑलिव मांगा.'
ऐसा माना जाता है कि फ़ेगुएर ने सिर्फ ऑलिव खाया था क्योंकि उसे आशा थी कि उसकी लाश के दफनाए जाने के बाद उससे एक जैतून का पेड़ उगेगा, जो 'शांति का प्रतीक' होगा. कथित तौर पर उनकी मृत्यु से पहले उनके अंतिम शब्द थे,'मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं जाने वाला आखिरी व्यक्ति हूं.'
विक्टर हैरी फ़ेगुएर का मामला
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी शख्स विक्टर हैरी फ़ेगुएर किसी प्रकार की दवा की तलाश में था. इसके लिए उसने यलो पेजेस से डॉ. एडवर्ड बार्टेल्स का कॉनटैक्ट उठाया और एक मरीज बनकर उन्हें फोन किया. उसने एक एड्रेस के साथ एक फर्जी मामले की सूचना दी. डॉक्टर तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा तो फ़ेगुएर उसे गुमराह करके एक अलग स्थान पर ले गया. जहां उसने डॉक्टर को किडनैप कर लिया. डॉक्टर ने दवा देने से इंकार कर दिया तो फेगुएर ने उसकी हत्या कर दी.
अपराध के कुछ दिनों बाद, हत्यारे ने डॉक्टर की कार बेचने की कोशिश की तो एफबीआई ने उसे पकड़ लिया. कार, हत्या के हथियार और बार्टेल के शरीर सहित उसके खिलाफ सभी सबूतों के बावजूद, फ़ेगुएर ने खुद को बेगुनाह बताया. कई अपीलों के बाद,उसे दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई.
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