प्रदूषण पर पटाखा पॉलिटिक्स: आंकड़ों की बाजीगरी और सियासी दांव... हवा में जहर घोलने के लिए कौन कितना जिम्मेदार?
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दिल्ली में प्रदूषण की समस्या सिर्फ पटाखे नहीं है. दिल्ली में 20 फीसदी प्रदूषण की वजह पराली का जलाना माना जाता है. गाड़ियों की वजह से 30 प्रतिशत प्रदूषण होता है. इंडस्ट्री की वजह से 15 फीसदी और कंस्ट्रक्शन से 20 फीसदी प्रदूषण होता है.
इस वक्त दिल्ली और एनसीआर प्रदूषण की मार से जूझ रहा है. ऐसे में हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. इससे एक बार फिर वही सवाल खड़ा हो गया है कि क्या प्रदूषण के लिए दिवाली पर पटाखे जलाना जिम्मेदार है. यह सवाल इसलिए क्योंकि दिल्ली में पटाखों पर बैन के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद राजधानी में जमकर आतिशबाजी की गई, जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि बढ़ते प्रदूषण के लिए पटाखे जिम्मेदार हैं जबकि कुछ लोग पटाखे जलाने की परंपरा को धर्म से जोड़कर देख रहे हैं.
दिवाली के बाद की अगली सुबह यानी सोमवार को राजधानी में छाई प्रदूषण की परत के लिए पटाखों को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. जबकि एक धड़ा ऐसा भी है, जो कह रहा है कि पटाखों को जिम्मेदार ठहराने एक तरह से हिंदू धर्म को निशाना बनाया जाना है.
पटाखों को जिम्मेदार ठहराने वाले उन आंकड़ों का हवाला दे रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि इस साल दिवाली से एक दिन पहले AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 218 था, जो बाद में कुछ इलाकों में बढ़कर दिल्ली के 999 तक पहुंच गया, जबकि सोमवार शाम तक ये वापस औसत 200 तक आ गया.
एक दावा ये भी किया जा रहा है कि जब दिल्ली में हवा में प्रदूषण 358 यानी 16 सिगरेट के बराबर हो गया तब लंदन में AQI 28, बीजिंग में 98, अमेरिका के वॉशिंगटन में 63, फ्रांस के पेरिस में 37, रूस के मॉस्को में 12 था. इसी के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बढ़े हुए प्रदूषण के लिए तीन कारण बताए. उन्होंने कहा कि दिवाली पर पटाखे जलाने से प्रदूषण बढ़ा है. ये पटाखे यूपी और हरियाणा से दिल्ली आए थे. उन्होंने यहां तक कह दिया कि दिल्ली में जानबूझकर पटाखे जलाए गए ताकि प्रदूषण का स्तर बढ़ सके.
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अक्टूबर के आखिर से ही बढ़ना शुरू हुआ था. लेकिन शुक्रवार (10 नवंबर) को बारिश के बाद शनिवार और रविवार को इससे राहत जरूर मिली. फिर दिवाली के बाद ये प्रदूषण और बढ़ गया.
प्रदूषण के लिए पटाखे कैसे जिम्मेदार?
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम लगेज पॉलिसी लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं, जनता की मांग थी कि दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों को हमारी बसों में रियायत दी जाए, हमने उनकी मांग को स्वीकार किया और दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं.
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