पुलिस में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की एक मुस्लिम पुलिसकर्मी की याचिका
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अलालत ने कहा कि पुलिस को एक अनुशासित बल होना चाहिए और एक कानून प्रवर्तन एजेंसी होने के कारण इसकी छवि भी सेक्युलर होनी चाहिए.
लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कहा है कि पुलिस बल में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं है. यह कहकर अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस में दाढी रखने पर रोक के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने याचिका दाखिल करने वाले सिपाही के खिलाफ जारी निलम्बन आदेश व आरोप पत्र में भी दखल देने से इंकार कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चैहान की एकल पीठ ने अयोध्या जनपद के खंडासा थाने में तैनात रहे सिपाही मोहम्मद फरमान की दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ पास किया है. 12 अगस्त 2021 को याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने अधिकारियों को याचिकाकर्ता के खिलाफ कानून के अनुसार विभागीय जांच पूरी करने का निर्देश दिया. सरकार के दो आदेशों को कोर्ट में दी थी चुनौती पहली याचिका में पुलिस महानिदेशक द्वारा 26 अक्टूबर 2020 को जारी सर्कुलर के साथ-साथ याची ने अपने खिलाफ पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अयोध्या द्वारा पारित निलम्बन आदेश को चुनौती दी थी. वहीं दूसरी याचिका में विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही में याची के खिलाफ जारी आरोप पत्र को चुनौती दी गई थी.More Related News