पीए संगमा... ऐसे स्पीकर जो सत्तापक्ष की नहीं, बल्कि विपक्ष की पसंद थे!
Zee News
PA Sangma Lok Sabha Speaker: साल 1996 में पीए संगमा लोकसभा स्पीकर बने थे. खास बात ये है कि तब भाजपा की वाजपेयी सरकार थी और संगमा कांग्रेस के सासंद थे. यह पहली बार था जब कोई विपक्षी पार्टी का सांसद लोकसभा का स्पीकर बना.
नई दिल्ली: PA Sangma Lok Sabha Speaker: देश के संसदीय इतिहास में करीब 48 साल बाद लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ. इस पद की अहमियत तब और बढ़ जाती है जब गठबंधन की सरकार हो. आमतौर पर स्पीकर सत्ताधारी दल या गठबंधन का ही बनता है, लेकिन भारत की राजनीति में किसी भी संभावना को नकारा नहीं जाना चाहिए. क्योंकि 1996 में विपक्ष का एक नेता स्पीकर बना था.
Atishi: कभी आतिशी से नाराज हो गए थे केजरीवाल, महीनों तक नहीं मिले, फिर इस नेता ने कराई सुलह- रिपोर्ट
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़ी तो आतिशी पर भरोसा जताया. लेकिन एक दौर ऐसा भी बताया जाता है जब अरविंद केजरीवाल, आतिशी से नाराज थे. तब वह उनसे मिलते भी नहीं थे, लेकिन बाद में उन दोनों के बीच मनीष सिसोदिया ब्रिज बने. इसके बाद वह खुद को साबित करती गईं और सियासी चढ़ती गईं.