पाकिस्तान में फिर बिगड़ेंगे हालात? इमरान समर्थक और सरकार आमने-सामने, इस्लामाबाद पहुंच रहे PTI कार्यकर्ता
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने राजधानी इस्लामाबाद की ओर कूच कर दिया है. इमरान समर्थकों को इस्लामाबाद में आने से रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने इस्लामाबाद में आने वाले हर व्यक्ति की गिरफ्तारी का आदेश दिया है.
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने राजधानी इस्लामाबाद की ओर कूच कर दिया है. इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों को इस्लामाबाद में आने से रोकने के लिए पुलिस ने भारी नाकाबंदी कर रखी है.
इमरान खान ने 13 नवंबर को अपने समर्थकों को 24 नवंबर को इस्लामाबाद कूच करने का आह्वान किया था. हालांकि, भारी पुलिसबलों की तैनाती और नाकाबंदी के कारण समर्थक आ नहीं पाए. पीटीआई ने जनता से गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए मार्च में शामिल होने की अपील की थी.
इमरान समर्थकों के मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने सड़कों पर भारी कंटेनर रख दिए थे. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे हटा दिया. पंजाब प्रांत के अटक जिले में रात गुजारने के बाद समर्थक सोमवार सुबह फिर इस्लामाबाद की ओर निकल पड़े हैं.
पीटीआई कार्यकर्ताओं का ये मार्च ऐसे वक्त पर हो रहा है, जब इस्लामाबाद में बेलारूस का एक उच्च प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान पहुंचा है. पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने पीटीआई पर लोगों को असुविधा पहुंचाने का आरोप लगाया. वहीं, डिप्टी पीएम इशाक डार ने पीटीआई समर्थकों के प्रदर्शन को सोची-समझी साजिश का हिस्सा बताया है. उन्होंने कहा कि इमरान की पार्टी ऐसे वक्त पर प्रदर्शन करती है, जब देश में विदेशी हस्तियों का दौरा होता है.
खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री अली अमीन ने कहा कि हमें तब तक पीछे नहीं हटना चाहिए, जब तक इमरान खान रिहा नहीं हो जाते. इस मार्च के साथ शुरुआत में इमरान की पत्नी बुशरा बीबी भी साथ थीं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अपनी गाड़ियों में ही रहें, ताकि हम जल्द से जल्द वहां (इस्लामाबाद) पहुंच सकें.
हालांकि, इमरान समर्थकों को इस्लामाबाद में आने से रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने इस्लामाबाद में आने वाले हर व्यक्ति की गिरफ्तारी का आदेश दिया है. इस्लामाबाद आने-जाने वाले हर रास्ते पर सिर्फ बैरिकेडिंग की गई है, बल्कि प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात किया गया है.
कुर्रम जिले में 23 नवंबर को लगभग 300 परिवार पलायन करने पर मजबूर हो गए, क्योंकि हल्के और भारी हथियारों के साथ गोलीबारी रात तक जारी रही. हालांकि, रविवार सुबह किसी और मौत की सूचना नहीं थी. स्थानीय प्रशासन के अधिकारी ने एएफपी से कहा, कुर्रम में मोबाइल नेटवर्क सस्पेंड कर दिया गया है और मुख्य राजमार्ग पर यातायात रुका हुआ है.
कनाडा सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए गुरुवार को एक बयान जारी किया है. ट्रूडो के खुफिया सलाहकार नताली ड्रोइन ने कहा, “कनाडा सरकार ने न तो ऐसा कोई बयान दिया है, और न ही वह ऐसे किसी साक्ष्य से अवगत है, जो प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या NSA डोभाल को कनाडा में किसी गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ता हो.
पुलिस ने कहा कि बालिशखेल, खार काली, कुंज अलीजई और मकबल में दिनभर गोलीबारी जारी रही. जिले के कम से कम तीन क्षेत्रों से रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है, जबकि थल-सदा-पराचिनार राजमार्ग कोहाट जिले की ओर जाने वाले यातायात के लिए बंद है. अधिकारियों ने क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए काफी मशक्कत की, जबकि दोनों आदिवासी संप्रदायों के बुजुर्गों ने और ज्यादा हमलों का संकेत दिया.
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