पहले दिन ही धमाका... ₹48 से 147 रुपये पर पहुंचा भाव, एक झटके में निवेशकों ने कमाए 3 लाख!
AajTak
पहले दिन ही हरिओम आटा के शेयरों ने निवेशकों को 3 गुना से ज्यादा का रिटर्न दिया. 16 मई 2024 को कंपनी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था. जो मई की 21 तारीख तक खुला रहा.
शेयर बाजार में एक और कंपनी लिस्ट हो चुकी है, जिसने लिस्ट होते ही धमाल मचा दिया. कंपनी ने पहले दिन ही निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा कराया है. हरिओम आटा के नाम से फेमस कंपनी एचओएसी फूड्स इंडिया लिमिटेड (HOAC Foods India Limited) के शेयर आज 206 प्रतिशत के प्रीमियम पर लिस्ट हुए. कंपनी के शेयर 147 रुपये पर लिस्ट हुए हैं, जबकि इसका प्राइस बैंड 48 रुपये प्रति शेयर था.
पहले दिन ही हरिओम आटा के शेयरों ने निवेशकों को 3 गुना से ज्यादा का रिटर्न दिया. 16 मई 2024 को कंपनी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था. जो मई की 21 तारीख तक खुला रहा. आईपीओ में एचओएसी फूड्स शेयर की कीमत 48 रुपये थी.
निवेशकों की बम्पर कमाई! जब इसका आईपीओ आया था तो रिटेल निवेशकों को इसके एक लॉट खरीदने थे, जो 3000 शेयरों का था. ऐसे में रिटेल इन्वेस्टर्स को ₹144,000 रुपये लगाने थे. जिन निवेशकों को इसका एक लॉट मिला होगा, उसकी कमाई 296,640 रुपये हो चुकी होगी और कुल निवेश 4 लाख 40 हजार 640 रुपये हो गए होंगे.
लिस्टिंग के बाद शेयरों में गिरावट एचओएसी फूड्स इंडिया लिमिटेड के शेयर में लिस्टिंग के बाद गिरावट आई. कंपनी के शेयर 5 प्रतिशत गिर गए. शेयर की कीमत 147 रुपये से गिरकर 139.65 रुपये हो गई. इस कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुए हैं.
क्या करती है कंपनी? हरिओम के नाम से भारतीय बाजार में खुद को स्थापित करने वाली ये कंपनी आटा, दाल, सरसों का तेल और मसाले के साथ कई और तरह के फूड प्रोडक्ट बनाती और बेचती है. एचओएसी फूड्स (HOAC Foods India) में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी आईपीओ में लिस्टिंग होने से पहले 99.99 प्रतिशत थी, जो कि लिस्टिंग के बाद कम होकर 69.95 पर आ गई है. देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में एचओएसी फूड्स एक्सक्लूसिव ब्रांड ने अपने आउटलेट्स बना रखे हैं जिसके माध्यम से वो आपने प्रोडक्ट्स बेचती है.
निवेशकों को मिला था जबरदस्त रिस्पॉन्स आईपीओ को निवेशकों का जबदस्त रिस्पॉन्स मिला था. इसे कुल 2,013.64 गुना सब्सक्राइब किया गया था. रिटेल इन्वेस्टर्स ने इसे 2556.46 गुना सब्सक्राइब किया था. जबकि अन्य निवेशकों ने 1,432.60 गुना सब्सक्राइब किया था.
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...